वाराणसी: गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. गंगा अब सीढ़ियों के ऊपर आ चुकी है कई घाटों का आपसी संपर्क टूट चुका है. आरती देखने का वीआईपी मंच जलमग्न है और अब परेशानियां बढ़ने लगी हैं.
हालते ये है कि सीढ़ियां पानी में डूब गई है, किनारे के मंदिर जलमग्न और गंगा का जलस्तर लगातार ऊपर की ओर बढ़ता जा रहा है. घाट के पुरोहितों ने चौकियां ऊपर लगा ली हैं और गंगा में खड़ी शांत नौका नाविकों की बदहाली को बता रही हैं. मणिकर्णिका और हरिश्चन्द्र घाट पर जलजमाव के कारण शवदाह ऊपर करना पड़ रहा है और कई घाटों का आपसी संपर्क टूट गया है.
गंगा के किनारे से लगभग 17 हजार पुरोहित परिवार और एक लाख बीस हजार नाविक परिवार के साथ माला फूल और तस्वीर बेचने वालों का व्यवसाय जुड़ा हुआ है. कोरोना ने पहले ही इनके व्यवसाय पर संकट था अब बढ़ते जलस्तर की वजह से आने वाले समय में जीविका का संकट मंडराने के आसार हैं. लिहाजा अब इन्हें ये चिंता सताने लगी है कि आगे का खर्च कैसे चलेगा?
बाढ़ के खतरे से प्रशासन अलर्ट पर
पहाड़ पर लगातार बारिश हो रही है आगे समस्या और भी बढ़ने के आसार हैं. वाराणसी प्रशासन ने अधिकारियों और विभागों को एलर्ट कर दिया है. साथ ही बाढ़ राहत चौकियों को सतर्क कर दिया गया है. एनडीआरफ की तैनाती गंगा में कर दी गई है और इसके साथ ही बाढ़ राहत कैम्प पर चिकित्सा और दवा की कमी न हो इसके लिए आदेश दिए गए हैं. प्राइवेट नाव संचालकों को आदेश दे दिए गए हैं स्थिति खराब होने पर तत्काल राहत के लिए नाव लगा दें.
एनडीआरएफ के खास इंतेजाम
बाढ़ में कोरोना के खतरे को देखते हुए एनडीआरएफ ने खास इंतेजाम किये हैं. गंगा में एम्बुलेंस चलाने के साथ ही एनडीआरफ के जवान पीपीई किट पहनकर कांबिंग करेंगे यदि बाढ़ के दौरान कोरोना पीडिटी मिला तो गंगा की धारा के बीच राहत दी जाएगी.
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