लखनऊ, एजेंसी। जनपद की एक स्थानीय अदालत ने दीपक दुबे की अग्रिम जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी. दीपक के ऊपर कथित रूप से एक व्यक्ति की कार हड़पने का आरोप है. बता दें कि दीपक दुबे पुलिस मुठभेड़ में मारे गये कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे का भाई है.
अपर सत्र न्यायाधीश अमरजीत वर्मा ने फरार चल रहे अभियुक्त दीपक दूबे की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा कि इस स्तर पर अभियुक्त को अग्रिम जमानत देने का कोई आधार नहीं है, लिहाजा अर्जी खारिज की जाती है.
इससे पहले जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी ने अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुये कहा कि अभियुक्त का गंभीर आपराधिक इतिहास है और उसके खिलाफ आठ गंभीर मुकदमे दर्ज हैं. उल्लेखनीय है कि पांच जुलाई, 2020 को इस मामले की प्राथमिकी विनीत पांडेय नाम के एक व्यक्ति ने थाना कृष्णानगर में दर्ज कराई थी.
नीलामी में खरीदी थी कार
शिकायत के मुताबिक वर्ष 2009 में विनीत ने एक सरकारी अम्बेसडर कार नीलामी में खरीदी थी. इसके कुछ दिनों बाद दीपक दूबे उनके घर आया और धमकाते हुए कहा कि यह गाड़ी मुझे दे दो. बाद में पुलिस ने इस गाड़ी को अपने कब्जे में ले लिया था.
मारा गया है विकास दुबे
गौरतलब है कि दो-तीन जुलाई की दरमियानी रात कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिकरू निवासी दुर्दांत अपराधी विकास दुबे को उसके गांव पकड़ने पहुंची पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया था. जिसमें एक क्षेत्राधिकारी, थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिस कर्मी मारे गये थे. मुठभेड़ में पांच पुलिसकर्मी, एक होमगार्ड और एक आम नागरिक घायल हो गये थे.
गैंगस्टर विकास दुबे को 10 जुलाई को पुलिस गिरफ्तार कर उज्जैन से कानपुर ला रही थी. उसी समय रास्ते में उसकी गाड़ी सड़क से फिसल गई. जिसका फायदा उठा दुबे ने कथित तौर पर भागने का प्रयास किया और इस दौरान पुलिस- एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया.
ये भी पढ़ेंः
उत्तराखंड में कोविड-19 के 288 नए मरीज सामने आए, 11 और संक्रमितों की मौत
यूपी: नौ और 12 साल के दो लड़कों ने चार साल की बच्ची के साथ किया दुष्कर्म