दीपोत्सव पर्व के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में ही रात्रि विश्राम किया. जिसके बाद सुबह सवेरे हनुमान लला के दरबार में दर्शन किए. इसके बाद उन्होंने कारसेवक पुरम जाकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों और अयोध्या के संतो से मुलाकात की और बाल भोग यानि सुबह का नाश्ता किया. इस दौरान उन्होंने ट्रस्ट के पदाधिकारियों से राम मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में जानकारी ली और साधु संतों से साथ मिलकर अयोध्या के विकास में भागीदारी की बात की.
सूत्रों की मानें तो इस दौरान मंदिर निर्माण ट्रस्ट के सदस्यों और कुछ साधु संतों के बीच उपजे असंतोष को भी उन्होंने दूर करने का प्रयास किया. कारसेवक पुरम से निकलकर वह सीधे सरयू किनारे बने पर्यटन विभाग की होटल पहुंचे. इसके बाद उन्होंने बीजेपी के नेताओं और संगठन से जुड़े पदाधिकारियों से बात की, इस दौरान उन्होंने संगठन के पदाधिकारियों को लोगों को जोड़ने और संगठन को मजबूत करने की बात की.
इसके साथ ही योगी जी ने सत्ता में भागीदारी कर रहे बीजेपी नेताओं को साफ तौर पर कहा कि अयोध्या में विकास के कार्य पारदर्शिता से होने चाहिए और विकास कार्य को प्राथमिकता देना चाहिए. विकास कार्यों के साथ ही इसकी जानकारी जनता को भी पहुंचनी चाहिए.
यात्री निवास से निकलकर आदित्यनाथ योगी राम मंदिर आंदोलन के शलाका पुरुष कहे जाने वाले रामचंद्र परमहंस की समाधि पर पहुंचे. यहां पर माथा टेक कर और डीएम अयोध्या को समाधि स्थल के रखरखाव और व्यवस्थित करने के निर्देश दिए, उसके बाद समीप बने हेलीपैड जाकर हेलीकॉप्टर से गोरखपुर के लिए रवाना हो गए.
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