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गुजरात: NCP के जिस विधायक पर 15 मुकदमे, उसे बनाया गया जिला पुलिस शिकायत केंद्र का सदस्य
कंधाल जडेजा पर पहला मामला साल 1994 में अवैध रूप से हथियार रखने का मामला दर्ज हुआ था. उसी साल राजकोट में प्रद्युम्ननगर पुलिस के अधिकार क्षेत्र में दंगे हुए.
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अहमदाबाद: गुजरात में जिस विधायक पर 15 आपराधिक मामले दर्ज हैं, राज्य सरकार ने उसे डिस्ट्रिक्ट पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी का सदस्य बनाया है. गुजरात में नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के कंधाल जडेजा पोरबंदर जिले की कुतियाना विधानसभा से विधायक हैं. कंधाल 'गॉडमदर' के नाम से मशहूर संतोखबेन जडेजा के बेटे हैं.
दरअसल, गुजरात सरकार ने 26 जिलों में 46 विधायकों को गुजरात पुलिस अधिनियम, 2007 के प्रावधानों के तहत जिला पुलिस शिकायत केंद्र का सदस्य नियुक्त किया है. इनमें कंधाल जडेजा का नाम भी है, जिनपर बंदूक तानने, रंगदारी मांगने, मारपीट, दंगे कराना, फर्जीवाड़ा जैसे 15 गंभीर मुकदमे दर्ज हैं. इनमें से मारपीट और दंगे के तीन मामले सात सालों के भीतर दर्ज किए गए हैं. कुल 15 मामलों में से 10 पोरबंदर जिले में, तीन राजकोट शहर में और दो अहमदाबाद शहर में रजिस्टर हैं.
कंधाल जडेजा पर पहला मामला साल 1994 में अवैध रूप से हथियार रखने का मामला दर्ज हुआ था. उसी साल राजकोट में प्रद्युम्ननगर पुलिस के अधिकार क्षेत्र में दंगे हुए. उसपर आर्म्स एक्ट के तहत कम से कम छह मामले दर्ज हैं. एक रिवाल्वर और अन्य हथियार कथित रूप से बरामद होने के बाद 1995 में पोरबंदर में कुटियाना पुलिस ने उनके खिलाफ आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था.
जिला पुलिस शिकायत केंद्र के अधिकार जिला पुलिस शिकायत केंद्र एक ऐसा मंच है जहां कोई भी व्यक्ति जाकर जिले के किसी भी रैंक के पुलिस अधिकारी के खिलाफ शिकायत कर सकता है. गुजरात पुलिस अधिनियम के अनुसार, जिला पुलिस शिकायत केंद्र पुलिस अधिकारियों से ड्यूटी के दौरान कर्तव्य का पालन न करना, अपमान करना, शक्तियों का दुरुपयोग करना और ऐसे अन्य मामलों के बारे में पूछताछ कर सकता है. यही नहीं राज्य सरकार को इन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया जा सकता है. केद्र पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कदाचार की शिकायतों के मामलों में विभागीय पूछताछ की प्रगति की निगरानी भी कर सकता है.
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