Smart Cities Mission: गुजरात ने अब तक राष्ट्रीय स्मार्ट सिटीज मिशन (एनएससीएम) के तहत 337 परियोजनाओं में से 62 फीसदी को पूरा कर लिया है, शहरी विकास कार्यक्रम के लिए मंज़ूर राशि 16,500 करोड़ रुपये में से 35 फीसदी से भी कम खर्च किया गया है. इसके बावजूद, राज्य सरकार जून 2023 की समय सीमा से पहले सभी परियोजनाओं को शुरू करने की उम्मीद कर रही है.


337 परियोजनाओं में से 209 अब तक पूरी 


शहरी विकास विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अहमदाबाद, राजकोट, सूरत, वडोदरा, गांधीनगर और दाहोद सहित छह शहरों को देश भर के कुल 100 शहरों में से NSCM के तहत चुना गया था. इन छह शहरों के लिए नियोजित 337 परियोजनाओं में से 209 को 2021 के अंत तक पूरा कर लिया गया था. 115 परियोजनाएं कार्य आदेश के चरण में हैं और शेष 13 के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू हो गई है


परियोजना में क्या-क्या शामिल?


छह शहरों को स्मार्ट बनाने के उद्देश्य से अधिकांश परियोजनाएं सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) और जल बुनियादी ढांचे से संबंधित हैं. आईसीटी परियोजनाओं में बुद्धिमान पारगमन प्रबंधन प्रणाली और स्वचालित किराया संग्रह प्रणाली, ऑप्टिकल फाइबर संचार (ओएफसी) नेटवर्क, कमांड और नियंत्रण केंद्र, सोशल मीडिया के समर्थन के साथ नई पीढ़ी के नागरिक शिकायत निवारण प्रणाली, मानव रहित पार्किंग प्रणाली और स्वचालित टिकट वितरण शामिल हैं.


अधिकारी के मुताबिक, राज्य के छह स्मार्ट शहरों को स्लम मुक्त बनाने का विचार है और साथ ही एक स्वचालित भूमि अतिक्रमण रोकथाम प्रणाली भी विकसित की जा रही है. स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, सिटी ग्राउंड स्टेडियम, ऑडिटोरियम, शहर के सौंदर्यीकरण कार्य, झीलों, स्मार्ट मल्टी-लेवल कार पार्किंग, 24×7 हेल्पलाइन सेंटर, दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए लिफ्ट वाले फुट ओवर ब्रिज, ई-लाइब्रेरी आदि से संबंधित परियोजनाएं ज़ोरों पर हैं.


इन शहरों में इतना काम हुआ पूरा


अहमदाबाद को दी गई 5,750 करोड़ रुपये की 70 विभिन्न परियोजनाओं में से 1,870 करोड़ रुपये की 55 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं. सूरत में 3,190 करोड़ रुपये की 82 परियोजनाओं में से 2,048 करोड़ रुपये की 70 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं. वडोदरा में 2,190 करोड़ रुपये की 54 परियोजनाओं में से 920 करोड़ रुपये की 37 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं. जहां तक ​​राजकोट की बात है तो 3,280 करोड़ रुपये की 73 परियोजनाओं में से 334 करोड़ रुपये की 21 परियोजनाएं ही पूरी हो सकी हैं. गांधीनगर और दाहोद के मामले में क्रमश: 1,120 करोड़ रुपये और 923 करोड़ रुपये की 25 और 33 परियोजनाओं में से क्रमश: 230 करोड़ रुपये और 220 करोड़ रुपये मूल्य की 11 और 16 परियोजनाओं को पूरा किया जा चुका है.


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