Gujarat News: गुजरात मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च सोसाइटी (GMERS)  द्वारा संचालित गोत्री अस्पताल ने मंगलवार को सात महीने की एक बच्ची को छुट्टी दे दी गई जिसका अस्पताल में 19 दिनों से कोविड -19 का इलाज चल रहा था और इसी कारण बच्ची 100 घंटे वेंटिलेटर सपोर्ट पर थी.


दुनिया में आने के पांचवें दिन कोरोना पॉजिटिव निकली बच्ची


मार्च 2020 में वायरस के प्रकोप के बाद से देखा गया कि इंटेंसिव केयर यूनिट में 19 में से 13 दिन वेंटिलेटर पर बिताने वाली बच्ची गोत्री अस्पताल में इलाज किया जाने वाला सबसे क्रिटिकल कोविड -19 बाल चिकित्सा मामला है. अस्पताल में बाल रोग विभाग की प्रमुख डॉ निमिषा पंड्या के मुताबिक बच्चे को 27 जनवरी को दस्त, उल्टी और झटका लगा और उसके बाद उसे सांस लेने में तकलीफ हुई. बच्चे ने श्वसन संबंधी समस्याओं का विकास किया और उसके दुनिया में आने के पांचवें दिन कोविड -19 के लिए पॉजिटिव परीक्षण किया.


अस्पताल में कोविड के साथ पहला गंभीर बच्चा


उसे कोविड आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया, जहां हमें मल्टी ऑर्गन फेल्योर और दौरे का प्रबंधन करना था. उसे सांस के सहारे की जरूरत थी. हमें बच्ची को बाहर निकालना पड़ा, लेकिन वह धीरे-धीरे ठीक हो गई और कोविड के नेगेटिव परीक्षण के बाद उसे बाल चिकित्सा आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया, यह अस्पताल में कोविड के साथ पहला गंभीर बच्चा था.


आपको बता दें कि गुजरात में कोरोना का प्रकोप अब कम हो गया है  मामलों में कमी को देखते हुए गुजरात सरकार ने अहम चीज़ों को खोलने के आदेश दे दिए हैं, जिसके बाद अब तक चीज़ें नियंत्रण में हैं. 


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