Gujarat News: सिम की अदला-बदली कर बैंक खातों से पैसे ट्रांसफर करने के आरोप में वटवा पुलिस ने सुगल एंड दामिनी यूटिलिटीज सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजर अभिषेक चौधरी को गिरफ्तार किया है. वटवा के धीरज आदियोल द्वारा धोखाधड़ी और विश्वासघात की शिकायत दर्ज की गई थी. जिसने यह बताया कि उसके बैंक खाते से 9.94 लाख रुपये निकाले गए थे.


सिम अपडेट करने के बहाने निकाले गए पैसे 


वटवा के पुलिस इंस्पेक्टर सिरसा के मुताबिक शिकायतकर्ता के पास एक कॉल आया था जिसमें उससे अपना सिम अपडेट करने के लिए कहा गया था और जल्द ही राशि दूसरे बैंक खाते में ट्रान्सफर कर दी गई थी. जांच करने पर पुलिस ने पाया कि पैसा एक निजी बैंक खाते में ट्रांसफर किया गया था, अकाउंट फ्रीज कर दिया गया था और खाते में 5.63 लाख रुपये थे.


पुलिस को जानकारी मिली कि धनराशि गुरुग्राम में सुगल और दामिनी यूटिलिटीज सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के खाते में स्थानांतरित कर दी गई है. कंपनी के पास 15 खाते थे जिनका इस्तेमाल पैसे ट्रांसफर करने के लिए किया गया था. प्रबंधक अभिषेक चौधरी को हिरासत में लेकर शहर लाया गया जहां मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया.


कैसे होती है यह धोखाधड़ी?


सिरसा ने इनके काम करने के तरीके के बारे में बताया कि आरोपी उस ग्राहक को बुलाएगा जिसके पास अच्छा बैंक बैलेंस होगा. इसके बाद टारगेट को अपने सिम को 4जी से 5जी में अपग्रेड करने के लिए कहा जाता है. अच्छी स्पीड और बेहतर सर्विस पाने के लिए ग्राहक राजी होगा. फिर आरोपी टारगेट से सिम नंबर देने को कहता है. नंबर मिलने के बाद वे एक डुप्लीकेट सिम जारी करवाएंगे और एक्टिव कर देंगे. जब तक व्यक्ति को पता चलता है कि उसके साथ धोखा हुआ है, तब तक आरोपी खाते से सारे पैसे निकाल लेता है.


पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या सुगल और दामिनी यूटिलिटीज के निदेशक भी सिम स्वैपिंग रैकेट में शामिल हैं. सुगल और दामिनी यूटिलिटीज के निदेशक प्रसाद चंद जैन, नितेश दमानी, मितुल दमानी, प्रवीण धाबाई और ललित फाफना हैं.


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