Chaitar Vasava News: गुजरात के भरूच जिले में एक औद्योगिक इकाई में विरोध प्रदर्शन को लेकर पुलिस ने आम आदमी पार्टी (आप) विधायक चैतर वसावा और 10 अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है. यहां पिछले सप्ताह हुए विस्फोट में चार लोगों की मौत हो गई थी. 


एफआईआर के मुताबिक, विधायक चैतर वसावा ने प्रचार पाने के लिए कथित तौर पर भीड़ को उकसाया और पुलिस को शवों को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने से रोकने की कोशिश की. पुलिस ने कहा कि वसावा और अन्य पर ड्यूटी पर मौजूद पुलिस को बाधित करने, लोगों को भड़काने और विस्फोट के बाद इकाई में विरोध प्रदर्शन करके उनकी जान खतरे में डालने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.


वसावा पर पुलिस को रोकने का आरोप


जिले के अंकलेश्वर जीआईडीसी (गुजरात औद्योगिक विकास निगम) क्षेत्र में 3 दिसंबर को औद्योगिक इकाई में एक भंडारण टैंक में विस्फोट होने से चार श्रमिकों की मौत हो गई थी. एफआईआर के अनुसार, बाद में सब-इंस्पेक्टर एवी शियालिया के नेतृत्व में अंकलेश्वर जीआईडीसी पुलिस स्टाफ घटना की जांच के लिए और क्षेत्र को सुरक्षित करने में अधिकारियों की मदद करने के लिए मौके पर पहुंचा. उस समय, देदियापाड़ा से विधायक वसावा और उनके 10 समर्थक मौके पर पहुंचे और श्रमिकों की मौत पर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए कंपनी परिसर में प्रवेश करने पर जोर दिया. चूंकि परिसर उस समय खतरा मुक्त घोषित नहीं किया गया था, इसलिए पुलिस ने उन्हें गेट पर रोक दिया.


एफआईआर के मुताबिक, वसावा ने कथित तौर पर भीड़ को उकसाया और कहा कि पुलिस को कंपनी को बचाने के लिए तैनात किया गया है, न कि मृतकों के रिश्तेदारों को न्याय दिलाने के लिए. एफआईआर में कहा गया है कि पुलिस द्वारा चेतावनी दिए जाने के बावजूद, वसावा और उनके समर्थकों ने लोगों की जान खतरे में डाल दी. विधायक ने कंपनी को हमेशा के लिए बंद करवाने की भी धमकी दी. 


एफआईआर में  कहा गया है कि मुख्य द्वार पर नाकेबंदी के कारण पुलिस को शवों को पोस्टमार्टम के लिए पास के अस्पताल ले जाने के लिए पीछे की तरफ दूसरे गेट का इस्तेमाल करना पड़ा. इंस्पेक्टर आरएच वाला ने कहा कि सब-इंस्पेक्टर शियालिया की शिकायत के आधार पर अंकलेश्वर जीआईडीसी पुलिस ने मंगलवार को वसावा और उनके 10 समर्थकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. 


चैतर वसावा ने क्या कहा?


वाला ने कहा कि वसावा पर भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें 221 (लोक सेवक के सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालना) और 224 (लोक सेवक को चोट पहुंचाने की धमकी) शामिल है.


एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद वसावा ने कहा कि गुजरात की भरूच पुलिस द्वारा शराब के ठेको से हप्ता वसूलने के लगभग 35 वीडियो मेंने जारी किए गए हैं, जिससे भरूच पुलिस की नींद उड़ गई है. इसलिए शराब माफियाओं को बचाने और हमारी आवाज को दबाने के लिए झूठी शिकायत दर्ज की है.   


(इनपुट भाषा से भी)


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