गुजरात में कुत्तों से नहीं बच पाएंगे अवैध शराब तस्कर, पलक झपकते एड्रेव और केमरी करेंगे ये काम
Gujarat News: गुजरात में अवैध शराब बेचने वालों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने एड्रेव और केमरी नाम के दो कुत्तों को विशेष ट्रेनिंग दी है. ये पलक झपकते ही शराब की गंध से उसे खोज निकालते हैं.
Gujarat Latest News: गुजरात पुलिस ने प्रदेश में अवैध शराब तस्कर की ओर से छिपाई गई शराब को खोजने के लिए नई तरकीब लगाई है. पुलिस ने शराब को खोजने के लिए दो 18 महीने के लैब्राडोर एड्रेव और केमरी को प्रशिक्षित किया है. एड्रेव ने पिछले हफ्ते राजकोट की ढेबर कॉलोनी में पहली बार शराब खोजी. भक्तिनगर पुलिस एड्रेव को उस क्षेत्र में लेकर गई थी. एड्रेव की पहचान के आधार पर कथित शराब तस्कर कविता सोलंकी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिसकी जांच चल रही है.
वहीं केमरी को राजस्थान की सीमा से लगे बनासकांठा में तैनात किया गया है, जहां सड़क मार्ग से नियमित रूप से अवैध शराब पहुंचाई जाती है. नौ महीने की ट्रेनिंग के बाद एड्रेव और केमरी शराब और उससे संबंधित किसी भी पदार्थ को उसकी गंध से पहचान लेते हैं और पुलिसकर्मियों को उसके संकेत दे देते हैं. गुजरात पुलिस के डॉग ट्रेनिंग स्कूल में कर्नल चंदनसिंह राठौड़ की ओर से एड्रेव और केमरी को प्रशिक्षित किया गया है.
घर-कार और जमीन में छुपी खराब ढूंढ लेता है एड्रेव
एड्रेव ऐसा पहला कुत्ता है, जो घर, कार और जमीन में छुपी खराब को भी आसानी से ढूंढ लेता है. जैसे ही उसे शराब की गंध का एहसास होता है, वो अपने पंजे या भौंकने के माध्यम से संचालक को इसकी चेतावनी दे देता है. गुजरात पुलिस को एड्रेव की मदद से शराबबंदी कानून को प्रभावी ढंग से लागू करने में सहायता मिलेगी. पुलिस अवैध शराब के खिलाफ अपनी कार्रवाई में तेजी लाएगी, जिससे शराब तस्करी पर नियंत्रण संभव हो सकेगा.
शराब माफियाओं और पुलिस के बीच अक्सर लुका-छिपी का खेल चलता रहता है. माफिया शराब की तस्करी के लिए अक्सर चालाकी दिखाते हैं, लेकिन अब एड्रेव और केमरी से पुलिस को फायदा होता दिख रहा है. गुजरात पुलिस महानिदेशक विकास सहाय के अनुसार आगे भी कुत्तों को इस तरह प्रशिक्षित करने की योजना बनाई जा रही है. सैकड़ों कुत्तों को प्रशिक्षित कर राज्य भर में उनकी तैनाती की जाएगी.
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