Gujarat HC: गुजरात हाईकोर्ट ने तीस साल पहले एम्बीबीएस की पढ़ाई बीच में छोड़ चुके एक शख्स को इस बात पर फटकार लगाई कि वो अब कॉलेज जाकर इसे पूरा करना चाहता है. हाईकोर्ट का कहना है कि वे लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते हैं. दरअसल 50 साल के कंदीप जोशी ने तीस साल पहले अपनी MBBS की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी. लेकिन अब वे फिर कॉलेज जा कर अपनी एमबीबीएस को पूरा करना चाहते हैं.
तीस साल बाद दोबारा पढने की याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट ने साफ कहा है कि आपको दूसरों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने का मौका नहीं दिया जा सकता. न्यायमूर्ति भार्गव डी करिया के मुताबिक अगर हम मान भी लें कि दोबारा एडमिशन लेने के लिए कोई नियम नहीं हैं, लेकिन फिर भी हम आपको इसकी इजाजत नहीं दे सकते.
अब उनके बच्चे MBBS करने के लायक हो गए होंगे
आप अपने मन मुताबिक कोई भी फैसला नहीं ले सकते हैं. उन्होंने अपने फैसले में आगे कहा कि वे अपना समय क्यों बर्बाद करना चाहते हैं. उन्हें ऐसा करके क्या मिलने वाला है. क्या वे सोच रहे हैं कि 50 की उम्र में दोबारा यह कोर्स करें. अब उनके बच्चे एमबीबीएस कोर्स करने के लायक हो गए होंगे. न्यायमूर्ति भार्गव डी करिया ने आगे कहा कि क्या वे अपने बच्चों के साथ इस कोर्स को पढ़ने की तैयारी कर रहे हैं. क्या वे सोच रहे हैं कि 50 की उम्र में दोबारा इंटर्नशिप कर लेंगे. ये नहीं हो सकता है.
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