Gujarat News: गुजरात के अहमदाबाद सिविल अस्पताल के करीब 1200 रेजिडेंट डॉक्टर सोमवार को भत्ते में बढ़ोतरी की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए. अधिकारियों ने हड़ताल के मद्देनजर वैकल्पिक व्यवस्था की थी, इसके बावजूद सेवाएं प्रभावित हुईं. मरीजों और परिजनों ने असवारा स्थित सुविधा में लंबे इंतजार की शिकायत की. 


असवारा स्थित सुविधा बीजे मेडिकल कॉलेज से जुड़ी है और राज्य में सबसे बड़ी है. रेजिडेंट डॉक्टरों के अनुसार, वे हड़ताल के हिस्से के रूप में ट्रॉमा केयर, इमरजेंसी और आउटपेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) सेवाओं सहित सभी कर्तव्यों से दूर रहेंगे, जब तक कि एक सौहार्दपूर्ण समाधान नहीं मिल जाता. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने हर तीन साल में 40 फीसदी स्टाइपेंड बढ़ाने पर सहमति जताई थी. यह बढ़ोतरी 1 अप्रैल से लागू होनी थी. हालांकि, इसे जुलाई तक लागू नहीं किया गया, जिसके बाद हमने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल से मुलाकात की. 


'हम हड़ताल पर जाने को मजबूर'
बीजे मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ धवल गमेती ने कहा कि इसके कार्यान्वयन के बारे में आश्वासन मिलने के बाद हमने अपनी हड़ताल स्थगित कर दी थी. हम अब अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हैं क्योंकि हमें पता चला है कि राज्य सरकार ने केवल 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है, जो वादे का आधा है. धवल गमेती ने दावा किया कि राज्य सरकार ने अब कहा है कि भत्ता तीन साल के बजाय हर पांच साल में संशोधित किया जाएगा. यह स्वीकार्य नहीं है क्योंकि सरकार अपने वादे से पीछे हट गई है. 


लोगों की बढ़ी परेशानी
वहीं डॉक्टरों की इस हड़ताल से लोगों की परेशानी बढ़ गई है. एक व्यक्ति ने कहा कि वह अपने रिश्तेदारों को पीलिया के इलाज के लिए राजकोट से लाया था, लेकिन उन्हें डॉक्टरों के नहीं होने के बारे में पता चला. मरीज के साथ आए अटेंडेंट ने कहा कि हमें कई घंटों तक इंतजार करने के बाद दूसरे दिन आना होगा.  वहीं हड़ताल के बाद बने हालात बारे में बात करते हुए, सिविल अस्पताल के अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक रजनीश पटेल ने कहा, वर्तमान में 130 चिकित्सा अधिकारी ड्यूटी पर हैं. 


स्वास्थ्य मंत्री ने की डॉक्टरों की मांग की आलोचना
वहीं राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने एक बयान में रेजिडेंट डॉक्टरों की 40 प्रतिशत बढ़ोतरी की मांग की आलोचना की. उन्होंने कहा कि 1 सितंबर से हमने 20 प्रतिशत बढ़ोतरी देने का फैसला किया है. गुजरात में रेजिडेंट डॉक्टरों को दिया जाने वाला वजीफा देश में सबसे अधिक है. इस बढ़ोतरी के साथ, डॉक्टरों को अब लगभग 1.30 लाख रुपये प्रति माह वजीफा मिलेगा. कई राज्यों में वजीफा 40,000 रुपये से लेकर 70,000 रुपये प्रति माह तक है. इसके अलावा, यह वजीफा पूरी तरह से टैक्स फ्री है.