Ahmedabad: 'रक्तदान महादान' का उदाहरण बना ये परिवार, चार दशक में 630 लीटर ब्लड किया डोनेट
Blood Donation: अहमदाबाद के परिवार के सदस्यों में डॉ. मौलिन पटेल जो 44 वर्ष के हैं, गुजरात के सबसे कम उम्र के सेंचुरियन ब्लड डोनर हैं. तीन पीढ़ियों में 16 लोग 50 से ज्यादा बार रक्तदान कर चुके हैं.

Gujarat Blood Donation: रक्तदान को महादान कहा जाता है. गुजरात में एक ऐसा ही परिवार है, जिसके सदस्य लगातार ब्लड डोनेशन कर लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रहे हैं. अहमदाबाद में 27 सदस्यों वाले एक बड़े परिवार ने पिछले चार दशकों में लगभग 1,400 यूनिट या 630 लीटर ब्लड डोनेट किया है. इस परिवार के 4 मेंबर ऐसे हैं, जिन्होंने अबतक 100 से अधिक बार ब्लड डोनेट किया है.
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, परिवार के सदस्यों में डॉ. मौलिन पटेल जो 44 वर्ष के हैं, गुजरात के सबसे कम उम्र के सेंचुरियन ब्लड डोनर हैं. गौरतलब है कि देश में 1 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस मनाया जाता है. डॉ. पटेल के मुताबिक, पटेल परिवार की तीन पीढ़ियों में 16 लोग 50 से ज्यादा बार रक्तदान कर चुके हैं.
ब्लड डोनेशन में सेंचुरी
उनके पिता अशोक पटेल (72) और मां शकुंतला (71) 98 बार ब्लड डोनेट कर चुके हैं. वे एक सप्ताह पहले ही अमेरिका गए थे और वहां रक्तदान किया था. डॉ. मौलिन पटेल ने कहा, ''भारत में आप 65 साल की उम्र के बाद रक्तदान नहीं कर सकते जबकि अमेरिका में उम्र की कोई बाध्यता नहीं है. उन्होंने रक्तदान की अपनी सदी पूरी करने के बाद ही भारत लौटने का फैसला किया है.
परिवार में ब्लड डोनेशन का कैसे शुरु हुआ सिलसिला?
डॉ. मौलिन पटेल ने आगे कहा, ''यह सब फरवरी 1985 में शुरू हुआ जब मेरे चाचा रमेश पटेल, पांच भाई-बहनों में सबसे बड़े, एक कार्यक्रम में शामिल हुए, जहां सत्य साईं बाबा ने कहा कि रक्त तरल प्रेम है, आइए इसे दूसरों में प्रवाहित करें. बाबा के संदेश से प्रभावित होकर, मेरे चाचा ने रेड क्रॉस को थैलेसीमिया रोगियों को ब्ल़ड उपलब्ध कराने में मदद करने के लिए उसी वर्ष सबसे पहले यहां एक मेगा ब्लड डोनेशन शिविर का आयोजन किया.''
हर तीन महीने में ब्लड डोनेशन शिविर
उन्होंने बताया कि इससे परिवार के अन्य सदस्यों को नियमित ब्लड डोनर बनने के लिए प्रेरणा मिली. वे अब हर तीन महीने में अपने घर पर रक्तदान शिविर आयोजित करते हैं और रिश्तेदारों और दोस्तों को आमंत्रित करते हैं. 76 वर्षीय रमेश पटेल 94 बार ब्लड डोनेशन कर चुके हैं उनके भतीजे मौलिन ने कहा, उम्र की सीमा और स्वास्थ्य समस्याओं के कारण, उन्होंने कुछ साल पहले रक्तदान करना बंद कर दिया था.
उन्होंने कहा, ''हम सभी 27 सदस्यों ने अब तक लगभग 1,400 यूनिट रक्तदान किया है, जो लगभग 630 लीटर होता है क्योंकि एक यूनिट में आमतौर पर 450 मिलीलीटर रक्त होता है. परिवार में अन्य तीन सेंचुरियन रक्तदाता रमेश पटेल की बेटी डिंपल, बेटा अमूल और रमेश पटेल के भाई भरत पटेल हैं.
अहमदाबाद रेड क्रॉस के मानद अध्यक्ष मुकेश पटेल ने पटेल परिवार के असाधारण रिकॉर्ड की सराहना की. भारत में ब्लड डोनेशन आंदोलन 1963 में अहमदाबाद में शुरू हुआ, और इसके कुछ अग्रदूत डॉ वी जी मावलंकर और डॉ वी के वाणी थे. लोग रक्तदान पर गर्व करने लगे. उन्होंने कहा कि अहमदाबाद शहर अब भारत में सबसे अधिक 130 सेंचुरियन रक्त दाताओं का दावा करता है.
ये भी पढ़ें:
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस

