Ahmedabad News: कोर्ट ने जमानत की शर्तों में दी ढील, अब गुजरात से बाहर जा सकेगा 2002 नरोदा गाम दंगे का आरोपी
Naroda Gam Riots: 2002 के नरोदा गाम दंगों के एक आरोपी फूलभाई शंकरभाई व्यास को बड़ी राहत मिली है. दरअसल अब उन्हें पूर्व अनुमति के बिना गुजरात राज्य की सीमा से बाहर जाने की अनुमति मिल गई है.
![Ahmedabad News: कोर्ट ने जमानत की शर्तों में दी ढील, अब गुजरात से बाहर जा सकेगा 2002 नरोदा गाम दंगे का आरोपी Ahmedabad Court relaxes bail conditions now accused of 2002 Naroda Gam riots can go out of Gujarat Ahmedabad News: कोर्ट ने जमानत की शर्तों में दी ढील, अब गुजरात से बाहर जा सकेगा 2002 नरोदा गाम दंगे का आरोपी](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/15/2a2b3f88322a00176a0c56b4c912c00b_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
2002 Naroda Gam Riots Case: अहमदाबाद में 2002 के दंगों के मामलों की सुनवाई के लिए एक अदालत ने 2002 के नरोदा गाम दंगों के एक आरोपी फूलभाई शंकरभाई व्यास के जमानत आदेश में 10 जून को संशोधन की अनुमति दी है. उन्हें पूर्व अनुमति के बिना गुजरात राज्य की सीमा से बाहर जाने की अनुमति मिल गई है. इन्हें ये अनुमति एक "धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने" के लिए मिली है. जमानत आदेश में छूट 1 जुलाई से 21 दिसंबर तक छह महीने की अवधि के लिए लागू है. व्यास को दिसंबर 2008 में अहमदाबाद की एक अदालत ने जमानत दी थी.
अपनी जमानत की शर्त में "उपयुक्त संशोधन या स्थायी छूट" की मांग करते हुए व्यास ने अहमदाबाद विशेष अदालत के समक्ष इस आधार पर एक आवेदन दिया था कि आरोपी "गायत्री परिवार के जीवन सदस्य के रूप में" से संबद्ध है और "अक्सर धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने की आवश्यकता होती है." इसे गायत्री परिवार द्वारा हरिद्वार और भारत में अन्य स्थानों पर आयोजित किया जाता है.
आरोपी के वकील ने दी ये जानकारी
आरोपी के वकील द्वारा यह बताया गया कि इस विशिष्ट जमानत शर्त के अस्थायी संशोधन को अदालत ने समय-समय पर, 2009 और 2021 के बीच कम से कम 20 से अधिक मौकों पर अनुमति दी थी. विशेष नामित न्यायाधीश शुभदा बक्सी ने जमानत की शर्त में छूट की अनुमति देते हुए इस बात को ध्यान में रखा कि अभियुक्त द्वारा मांगी गई राहत के लिए "राज्य द्वारा कोई गंभीर आपत्ति नहीं उठाई गई" और व्यास को अतीत में इसी तरह की राहत दी गई थी और "उस पर लगाई गई शर्तों का ईमानदारी से पालन किया था."
अदालत ने यह भी कहा कि यह देखते हुए कि मुकदमा अंतिम चरण में है जमानत की शर्त को स्थायी रूप से हटाने के मामले में एक व्यापक राहत नहीं दी जा सकती है.
क्या है नरोदा गाम दंगों का मामला?
नरोदा गाम दंगों का मामला एसआईटी की निगरानी में चल रहे नौ मुकदमों में से केवल एक है. जहां अपराध किए जाने के 20 साल बाद भी मुकदमा लंबित है. वर्तमान में 69 आरोपियों के खिलाफ मुकदमे में अंतिम बहस जारी है, जिसमें बाबू बजरंगी और विहिप नेता जयदीप पटेल के साथ गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी भी शामिल हैं.
ये भी पढ़ें-
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)