Morbi Cable Bridge Collapse: ब्रिज को जोर से हिला रहे थे लोग, डर के मारे परिवार समेत पुल के बीच से ही लौट आए विजय गोस्वामी
Morbi Cable Bridge Collapse: अहमदाबाद के विजय गोस्वामी के मुताबिक, पुल से लौटते वक्त उन्होंने कर्मचारियों से उन लोगों की शिकायत की थी, जो इसे जोर से हिला रहे थे. कर्मचारियों ने उनकी बात अनसुनी कर दी.
Visitors Reactions on Morbi Cable Bridge Collapse: गुजरात (Gujarat) के मोरबी में केबल पुल हादसे (Morbi Cable Bridge Collapse) को लेकर अहमदाबाद (Ahmedabad) के रहने वाले एक शख्स ने चौंकाने वाली आपबीती बयां की है. विजय गोस्वामी (Vijay Goswami) नाम के शख्स ने मीडिया को बताया कि रविवार (30 अक्टूबर) की दोपहर वह अपने परिवार के साथ मोरबी के झूले वाले पुल (Morbi Suspension Bridge) पर घूमने गए थे लेकिन अनहोनी की आशंका के चलते लौट आए. गोस्वामी ने बताया है कि वहां मौजूद भीड़ में से कुछ लोग पुल को जोर से हिला रहे थे, इसलिए जोखिम को भांपते वह हुए बीच से ही परिवार समेत लौट आए. गोस्वामी के मुताबिक, कुछ ही घंटे बाद, जब शाम को करीब साढ़े छह बजे पुल टूट गया तो उनका डर सही साबित हुआ.
गोस्वामी ने बताया कि जब कुछ लड़कों ने पुल को हिलाना शुरू किया तो उस पर लोगों का चलना मुश्किल हो गया था. इस पर खतरे को भांपते हुए आगे बढ़ने के बजाय अपने परिवार के साथ वापस लौटने की सोची. गोस्वामी ने यह भी दावा किया कि उन्होंने पुल के स्टाफ को खतरे को लेकर आगाह किया था लेकिन उनकी बात अनसुनी कर दी गई. उन्होंने कहा कि वह दिवाली की छुट्टी मनाने के लिए परिवार के साथ मोरबी गए थे.
क्या कहा अहमदाबाद के विजय गोस्वामी ने?
गोस्वामी ने मीडिया को बताया, ''पुल पर भारी भीड़ थी. मैं और मेरा परिवार पुल पर थे जब कुछ युवक जानबूझकर इसे हिलाने लगे. बिना किसी सहारे के लोगों के लिए खड़ा होना मुश्किल हो गया था. जैसे ही मुझे लगा कि यह खतरनाक हो सकता है तो पुल पर कुछ दूर बढ़ने के बाद मैं अपने परिवार के साथ वापस आ गया. वहां से आने से पहले मैंने ड्यूटी कर रहे स्टाफ से लोगों को पुल हिलाने से रोकने के लिए कहा लेकिन वे टिकट बेचने में मशगूल थे और हमसे बोले कि भीड़ को संभालने का कोई सिस्टम नहीं है. वहां से आने के कुछ घंटों बाद हमारा डर सच साबित हो गया क्योंकि पुल आखिरकार गिर गया.''
बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में पुल पर मौजूद कुछ लोग इसे हिलाते हुए नजर आ रहे हैं, इसके बाद पुल टूट जाता है और लोग सीधे नदी में जा गिरते हैं.
एसआईटी से कराई जा रही पुल हादसे की जांच
ब्रिटिश कालीन इस पुल की सात महीने तक मरम्मत की गई थी और गुजराती नववर्ष के मौके पर 26 अक्टूबर को ही इसे जनता के लिए खोला गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, नगर पालिका से फिटनेस प्रमाणपत्र मिले बगैर पुल को जनता के लिए खोल दिया गया था. हादसे के बाद राज्य सरकार ने विशेष जांच दल का गठन किया है. हादसे को लेकर गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने अब तक 9 लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है. इस हादसे में अब तक 134 लोगों की मौत हुई है, कई लोग घायल हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. राहत-बचाव का काम अब भी जारी है.
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