145th Jagannath Rath Yatra: अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) की आगामी रथयात्रा (Rath Yatra) के मार्ग पर 25 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे, जिसमें दो साल के अंतराल के बाद बिना कोविड-19 प्रतिबंधों के लाखों लोगों के भाग लेने की संभावना है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक जुलाई को सुबह करीब चार बजे भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath), बलभद्र और सुभद्रा के रथों के निकलने से पहले मंदिर में मंगला आरती करेंगे.
रथ यात्रा के दौरान कड़ी होगी सुरक्षा
सामान्यत: ''आषाढ़ी बीज'' के दिन रथयात्रा (Rath Yatra) के मार्ग में देवताओं और जुलूस की एक झलक पाने के लिए लाखों लोग इकट्ठा होते हैं, जिसमें सजे-धजे हाथी और कई झांकियां शामिल होती हैं. अधिकारियों ने कहा, ''एक जुलाई को यहां भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) की 145वीं रथयात्रा (Rath Yatra) में गुजरात भर से लाखों लोगों के शामिल होने की उम्मीद है. किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए शहर में पूरे मार्ग पर कम से कम 25 हजार सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जाएगा.''
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अमित शाह करेंगे आरती
मंदिर के न्यासी (ट्रस्टी) महेंद्र झा ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक जुलाई को सुबह करीब चार बजे मंदिर में मंगला आरती करेंगे. उन्होंने कहा कि 'मंगला आरती' परंपरा कई सालों से चली आ रही है. भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath), उनके भाई भगवान बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथ सुबह करीब सात बजे मंदिर परिसर से निकलेंगे.
गृह राज्य मंत्री ने कही ये बात
गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने बुधवार को कहा कि रथ यात्रा की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर पुलिस, रिजर्व पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस के 25 हज़ार जवानों को तैनात किया जाएगा. इससे पहले दिन में, संघवी और गुजरात भाजपा अध्यक्ष सी आर पाटिल ने जमालपुर क्षेत्र में भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) मंदिर का दौरा किया और कुछ अनुष्ठानों में भाग लिया. संघवी ने संवाददाताओं से कहा, ''नियमित पुलिस के अलावा, हम रथ यात्रा के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य रिजर्व पुलिस (एसआरपी) और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 68 कंपनियां तैनात करेंगे.''
उन्होंने कहा कि निगरानी के लिए प्रौद्योगिकी का व्यापक उपयोग किया जाएगा. ''हम कैमरों का इस्तेमाल करते हुए नजर रखेंगे जो निगरानी कक्ष से जुड़े होंगे.'' मंत्री ने कहा कि पुलिस जुलूस के रास्ते में घूमने वाले असामाजिक तत्वों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के लिए चेहरा पहचानने (फेस डिटेक्शन) वाले कैमरे भी लगाएगी.
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