Gujarat: OTT फिल्मों के कंटेंट पर रोक की मांग, NGO ने कहा- 'अश्लील सामग्री को एंटरटेनमेंट की तरह परोसने से बढ़ रहे रेप केस'
गुजरात के अहमादाबाद ‘सेव कल्चर सेव नेशन’ विषयक सम्मेलन में 30 से अधिक एनजीओ के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इसी सम्मेलन में एनजीओ के प्रतिनिधियों की ओर से एक प्रस्ताव भी पारित किया गया.
Gujarat News: गुजरात (Gujarat) के अहमादाबाद (Ahmedabad) में विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने शनिवार को यहां एक सम्मेलन में ओटीटी (OTT), सोशल मीडिया (Socail Media) मंचों और फिल्मों में दिखाए जा रहे कंटेंट पर अपनी राय व्यक्त की. उन्होंने कहा कि आज-कल अश्लील सामग्री को ओटीटी, सोशल मीडिया मंचों और फिल्मों में मनोरंजन बताकर परोसा जा रहा है और यह बलात्कार के मामले बढ़ने का कारण है.
‘सेव कल्चर सेव नेशन’ विषयक सम्मेलन में 30 से अधिक एनजीओ के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इसी सम्मेलन में एनजीओ के प्रतिनिधियों की ओर से एक प्रस्ताव भी पारित किया गया. इस प्रस्ताव में व्यापक राष्ट्रहित को देखते हुए इस तरह की विषय-वस्तु पर रोकथाम की मांग की गई. साथ ही तरह की विषय-वस्तु पर रोकथाम के लिए केंद्र सरकार से कठोर कदम उठाने की मांग की गई.
अश्लील सामग्री को बताया जा रहा मनोरंजन
आयोजकों ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘एनजीओ के आज यहां अहमादाबाद में संपन्न हुए राष्ट्रीय सम्मेलन में हमारे बीच इस बात पर सहमति बनी है कि अश्लील सामग्री को ओटीटी, सोशल मीडिया मंचों और फिल्मों पर मनोरंजन के रूप में बेचा जा रहा है और अश्लील सामग्री का बढ़ना ही दुष्कर्म के मामले बढ़ने का मुख्य कारण है." साथ ही आयोजकों ने कहा कि इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार को फिल्मों के लिए एक अनिवार्य आचार संहिता बनाने के लिहाज से हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के उपाय भी सुझाये गये हैं.
इन लोगों ने भी किया सम्मेलन को संबोधित
सेव कल्चर, सेव नेशन के इस सम्मेलन सम्मेलन को केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर, हिंदू धर्म आचार्य स्वामी परमात्मानंद के महासचिव और पीपुल अगेंस्ट रेप्स इन इंडिया (परी) की संस्थापक योगिता भयाना ने भी संबोधित किया.