Ahmedabad News: आरएसएस (RSS) की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad) ने कहा है कि वह अहमदाबाद (Ahmedabad) का नाम कर्णावती (Karnavati) करने की मांग को लेकर एक अभियान की शुरुआत करेगी. मंगलवार को एबीवीपी द्वारा आयोजित जिला स्तरीय छात्र सम्मेलन में इसको लेकर एक प्रस्ताव भी पारित किया गया. एबीवीपी की गुजरात सचिव युति गजरे ने कहा कि सम्मेलन में 5000 छात्रों ने इस प्रस्ताव को पारित किया. उन्होंने कहा कि हम अपनी मांग को लेकर राजस्व अधिकारी, कलेक्टर, कॉलेजों के प्रिसिंपर और जहां कहीं भी जरूरी होगा, वहां ज्ञापन सौंपेंगे.
 
बता दें कि एबीवीपी का यह कदम गुजरात के तत्कालीन डिप्टी सीएम नितिन पटेल के उस बयान के पांच साल बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि कोई कानूनी अड़चन नहीं आती है और यदि उसे पर्याप्त समर्थन मिलता है तो वह अहमदाबाद का नाम कर्णावती करने को लेकर प्रतिबद्ध है.


कांग्रेस बोली- यह लोगों को असल मुद्दों से भटकाने की कोशिश


इसी बीच कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को एक प्रोपेगेंडा बताते हुए कहा है कि. यह मुद्दा पेपल लीक जैसे अन्य जरूरी मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए उछाला गया है. बता दें कि गुजरात में हाल ही में पंचायत जूनियर क्लर्क की परीक्षा का पेपर लीक होने की वजह से वह परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी.


यूथ कांग्रेस के प्रवक्ता कपिल देसाई ने कहा कि इस मुद्दे को युवाओं और छात्रों का उन अहम मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए उठाया गया है जो उन्हें प्रभावित करते हैं. देसाई ने कहा कि बीजेपी इस समय सत्ता में है और यदि एबीवीपी इस मुद्दे को लेकर वाकई में गंभीर है तो उन्हें अहमदाबाद का नाम कर्णावती करवाने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए, जैसा की योगी आदित्यनाथ ने यूपी में करके दिखाया है.


अप्रासंगिक मुद्दों को जीवत रखना चाहती है बीजेपी- AIMIM


वहीं असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने भी इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है. गुजरात में  AIMIM के नेता  दानिश कुरैशी ने कहा कि असल मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए यह बीजेपी का प्रोपेगेंडा है. वे देश में अराजकता फैलाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी अपनी असफताओं को छुपाने के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड, जनसंख्या नियंत्रण  जैसे अप्रासंगिक मुद्दों को जीवित रखना चाहती है. बता दें कि साल 2017 में यूनेस्को ने अहमदाबाद को एक विश्व विरासत शहर घोषित किया था. यह देश का पहला शहर है जिसे यह तमगा मिला है.


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