गोविंदानंद सरस्वती की बढ़ीं मुश्किलें! अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इस मामले में दर्ज कराया मानहानि का केस
Avimukteshwaranand Saraswati News: गोविंदानंद सरस्वती ने कांग्रेस पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को एक मोहरे के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था. साथ ही उन्होंने उन्हें फर्जी बाबा कहा था
Shankaracharya Avimukteshwaranand Saraswati News: अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने 'फर्जी बाबा' कहा था. अब इस मामले को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने गोविंदानंद सरस्वती के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज किया है.
दरअसल, गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने कांग्रेस पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को एक मोहरे के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था. उन्होंने प्रियंका गांधी द्वारा अविमुक्तेश्वरानंद को 13 सितंबर 2022 को लिखे एक पत्र को प्रमाण के तौर पर दिखाया था.
गोविंदानंद सरस्वती ने क्या कहा था?
उन्होंने बीजेपी, सीएम, पीएम और एचएम सहित सभी से यह सवाल किया था कि क्या कांग्रेस शंकराचार्य तय करेगी? स्वामी गोविंदानंद सरस्वती ने कहा था, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद कांग्रेस का खिलौना हैं, मेरे पास इसके सबूत हैं."
उन्होंने आगे कहा था, "मैं प्रियंका गांधी वाड्रा और अविमुक्तेश्वरानंद को चुनौती दे रहा हूं. जब भी मैंने अविमुक्तेश्वरानंद के खिलाफ सवाल उठाए, वह हमेशा बच जाते थे, लेकिन आखिरकार वह पकड़े गए"
गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा पर भी आरोप लगाया था कि उन्होंने अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना की. उन्होंने प्रियंका गांधी से 15 दिनों में माफी मांगने को कहा था, नहीं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने की बात की थी.
गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि जब उनके गुरुजी ब्रह्मलीन हुए, तो कांग्रेस ने अविमुक्तेश्वरानंद को समर्थन देने के लिए एक पत्र जारी किया था. इस पत्र के आधार पर अविमुक्तेश्वरानंद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे.
उन्होंने आरोप लगाया कि 13 सितंबर, 2022 को प्रियंका गांधी ने अविमुक्तेश्वरानंद को 'शंकराचार्य' कहकर संबोधित करते हुए एक पत्र लिखा. उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में रोक लगा रखी थी, तो प्रियंका गांधी ने अविमुक्तेश्वरानंद को शंकराचार्य कैसे कह दिया?