Rescue of Injured Pigeon: मलंका प्राइमरी स्कूल (Malanka Primary School) के इन आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए सोमवार को शैक्षणिक सत्र (Academic Session) का पहला दिन काफी उत्साह भरा रहा. स्कूल की कक्षा में पंखे से घायल कबूतर के इलाज की तलाश में कुछ छात्रों ने ऐसा काम किया है जिससे जानवरों के प्रति आपके प्रेम को और बढ़ा देगा. कुछ छात्र घायल कबूतर को लेकर भावनगर शहर के लिए 9 किमी का सफर तय किया है. छात्रों ने ये सफर साइकिल चलकर तय किया है. उनका गांव मलंका भावनगर शहर के बाहर है.
इलाज कराने के लिए एनजीओ के पास गए छात्र
टीओआई के अनुसार जैसे की छात्र कक्षा के अंदर आये उसने देखा कि पंखे से टकराकर एक कबूतर जमीन पर गिर गया है. कबूतर को बचाने का काम करने वाले छात्रों में एक ही नाम के दो लड़के संदीप बरिया शामिल थे. दोनों संदीप ने मिलकर गोपाल बरिया और आशीष बरिया के साथ इस रेस्क्यू ऑपरेशन में भाग लिया. पहले तो उन्होंने पक्षी पर थोड़ा पानी डाला. बाद में छात्रों ने अपने शिक्षक हेमल महेता को पक्षी के बारे में सूचित किया.
महेता ने कहा, स्कूल शुरू होने के कारण हम असहाय थे. तो हमने उनसे कहा कि दुर्भाग्य से हम ज्यादा कुछ नहीं कर सके. लेकिन चारों ने स्वेच्छा से कबूतर को एक एनजीओ में ले जाने के लिए कहा जो घायल पक्षियों का इलाज करता है.
नेचर क्लब के उपाध्यक्ष ने कही ये बात
आशीष ने कहा, "हमने भावनगर में शिविरों में भाग लिया था जिसमें हमने घायल पक्षियों की देखभाल करना सीखा था." संदीप में से एक (विष्णु के नाम से भी जाना जाता है) ने कहा, "हमने अपनी साइकिल की मदद से पक्षी को भावनगर के नेचर क्लब में ले जाने का फैसला किया." उन्होंने कहा, “शिक्षकों ने हमारी मदद की और हमें स्कूल छोड़ने की अनुमति दी. हम चाहते हैं कि पक्षी उस पेड़ पर वापस आ जाए जहां उसने अंडे दिए थे.
भावनगर में नेचर क्लब के उपाध्यक्ष हर्षद रवलिया ने कहा, "हमें एक शिक्षक से सूचना मिली कि चार छात्र एक घायल कबूतर के साथ आ रहे हैं." उन्होंने आगे कहा, “हमें यह छू गया कि इन छात्रों ने कबूतर जैसे आम पक्षी को बचाने के लिए इतनी लंबी दूरी को तय किया. ये बच्चे पक्षियों के प्रति संवेदनशील हैं.
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