बिलकिस बानो केस के दोषी को गुजरात HC ने दी 10 दिनों की पैरोल, जानें वजह
Bilkis Bano Case: गुजरात हाई कोर्ट ने रमेश चांदना नाम के दोषी को दस दिनों की पैरोल दी है. रमेश को अपने भांजे की शादी में शामिल होना था जिसके लिए उसने कोर्ट में अर्जी दी थी.
Gujarat News: बिलकिस बानो केस के दोषी रमेश चांदना को गुजरात हाई कोर्ट ने शुक्रवार (23 फरवरी) को 10 दिनों की पैरोल दे दी है. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, रमेश चंदना को अपने भांजे की शादी में शामिल होने था, इसके लिए उसने पिछले हफ्ते कोर्ट में गुहार लगाई थी. 5 मार्च को उसके भांजे की शादी होनी है. रमेश चंदना इस मामले में दूसरा आरोपी है जिसे पैरोल दी गई है.
दोषियों ने 21 जनवरी को किया था सरेंडर
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 11 दोषियों ने 21 जनवरी को सरेंडर कर दिया था. इन सभी को 2002 के गोधरा दंगे के दौरान बिलकिस बानो से गैंगरेप और पीड़िता के परिवार के सात लोगों की हत्या करने के जुर्म में सजा सुनाई गई थी. दोषी ने अपने आवेदन में कोर्ट को कहा कि उनसे अपनी बहन के बेटे की शादी में शामिल होना है. शुक्रवार को जस्टिस दिव्येश जोशी के आदेश के मुताबिक, रमेश को दस दिनों की पैरोल दी गई है.
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रमेश को पहले भी मिल चुकी है पैरोल
सुप्रीम कोर्ट में गुजरात सरकार के हलफनामे के अनुसार, चंदना ने 2008 में कैद के बाद से 1198 दिनों की पैरोल और 378 दिनों की फरलो ले चुका है. इससे पहले प्रदीप मोधिया नाम के दोषी को 7 फरवरी से 11 फरवरी तक पैरोल दी थी.
बता दें कि अगस्त 2022 में राज्य सरकार द्वारा कैद के दौरान उनके 'अच्छे आचरण' का हवाला देते हुए उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों को समय से पहले जेल से रिहा कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी को सभी 11 दोषियों की सजा में छूट को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि राज्य सरकार के पास दोषियों को समय से पहले रिहाई देने का अधिकार क्षेत्र नहीं है, क्योंकि 2002 के मामले की सुनवाई महाराष्ट्र में हुई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने तब दोषियों को दो सप्ताह के भीतर जेल लौटने का आदेश दिया, जिन्हें 14 साल तक जेल में रहने के बाद 2022 में 15 अगस्त पर गोधरा जिला जेल से रिहा किया गया था. दोषियों ने 21 जनवरी को गोधरा जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.