Gujrat News: गुजरात के जामनगर शहर में एक बीजेपी पार्षद ने नौकरशाही की देरी और लालफीताशाही से तंग आकर खुद एक भूमिगत जल निकासी परियोजना के लिए फंड देने की पेशकश की. उनके प्रस्ताव के बाद, नगर आयुक्त हरकत में आए, एक डिप्टी इंजीनियर को अनिवार्य छुट्टी पर भेजा और सर्वेक्षण और लागत अनुमान शुरू किया.  शहर में वार्ड नंबर 9 का प्रतिनिधित्व करने वाले नीलेश कागथरा ने बताया कि वह पिछले छह महीनों से निगम से अपने वार्ड में एक भूमिगत जल निकासी की व्यवस्था करने का अनुरोध कर रहे हैं. जहां एक जैन मंदिर, साथ ही एक लक्ष्मी और गणेश मंदिर है. 


 प्रतिदिन सैकड़ों भक्तों को एक खुले नाले से बहने वाले जल निकासी के पानी से गुजरना पड़ता था लेकिन निगम के जल निकासी विभाग ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. कागथरा ने कहा  जैसा कि लोग नियमित रूप से शिकायत करते हैं, मैं थक गया और गुरुवार को मैंने यह प्रस्ताव दिया. जिसके बाद आयुक्त हरकत में आए, डिप्टी इंजीनियर जयेश कमानी को अनिवार्य अवकाश पर जाने के लिए कहा गया, शुक्रवार सुबह से सर्वेक्षण का काम शुरू हो गया. शिकायत करने वाले वह अकेले नहीं हैं, यहां तक कि डिप्टी मेयर ने भी अपने वार्ड नंबर 11 में अंडरग्राउंड ड्रेनेज बिछाने के लिए कमिश्नर को कम से कम तीन पत्र लिखे हैं.


इस साल के आखिर में हैं गुजरात में चुनाव
गौरतलब है कि इस साल के आखिर में गुजरात में चुनाव होने हैं, अभी चुनाव आयोग ने यहां होने वाले चुनाव के तारीखों का एलान नहीं किया है.सूत्रों की माने तो गुजरात की चुनाव तारीख का ऐलान दीपावली के बाद होने की उम्मीद जताई जा रही है. संभावना है कि गुजरात में दो चरणों में विधानसभा चुनाव कराए जाएं. 2017 में भी गुजरात में दो चरणों में वोटिंग हुई थी. आपको बता दें गुजरात विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 18 फरवरी को समाप्त हो रहा है.


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