Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव से पहले गुजरात की भरुच सीट एक बार फिर से सुर्खियों में है. भरुच लोकसभा सीट पर अब एक और वसावा चुनाव मैदान में उतर गए हैं. आदिवासी नेता छोटू भाई वसावा ने मंगलवार (9 अप्रैल) को घोषणा की है कि उनके छोटे बेटे दिलीप वसावा भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के उम्मीदवार के रूप में गुजरात की भरूच सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि BAP आदिवासियों के हितों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेगी.
आदिवासी नेता छोटू वसावा ने कहा, ''हमारी पार्टी कमेटी ने उन सीटों पर चर्चा करने के लिए बैठक की, जिन पर भारत आदिवासी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में चुनाव लड़ेगी और दिलीप छोटू वसावा को मैदान में उतारने का फैसला किया.''
भरुच सीट पर क्या AAP का बिगड़ेगा खेल?
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक भारत आदिवासी पार्टी के संयोजक और आदिवासी नेता छोटू वसावा ने कहा कि BAP आदिवासियों के हितों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेगी और हमने दिलीप वसावा को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया है. बीजेपी ने भरूच से अपने मौजूदा सांसद मनसुख वसावा को मैदान में उतारा है, जबकि विपक्षी दल 'इंडिया' गठबंधन ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता चैतर वसावा पर भरोसा जताया है. यानी इस सीट पर अब तीन वसावा हैं. माना जा रहा है कि छोटू वसावा के छोटे बेटे के मैदान में आने के बाद AAP के वोटों पर प्रभाव पड़ सकता है.
BAP का गठन कब हुआ?
भारत आदिवासी पार्टी का गठन 2023 में राजस्थान में हुआ था. जहां उसने तीन विधानसभा सीटें जीतीं. पार्टी ने पिछले साल मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक विधानसभा सीट भी जीती थी. छोटू वसावा (78) पिछले महीने पार्टी में शामिल हुए थे. 2017 में, छोटू वसावा ने जनता दल (यू) छोड़ने के बाद भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) का गठन किया, जो अब खत्म हो गई है. उनके छोटे बेटे दिलीप वसावा कुछ समय से BAP में सक्रिय हैं और राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों में से एक हैं.
छोटू वसावा के बड़े बेटे बीजेपी में हुए थे शामिल
वहीं, आदिवासी नेता छोटू वसावा के बड़े बेटे और तत्कालीन बीटीपी अध्यक्ष महेश वसावा हाल ही में सत्तारूढ़ बीजेपी में शामिल हुए थे. 2017 के गुजरात विधानसभा चुनावों में, बीटीपी ने झगड़िया (छोटू वसावा) और डेडियापाड़ा (उनके बेटे महेश वसावा) से जीत हासिल की थी. 2022 के राज्य चुनावों में, छोटू वसावा ने अपने बेटे के साथ मतभेदों के बाद झगड़िया से निर्दलीय चुनाव लड़ा, लेकिन बीजेपी के रितेश वसावा से हार गए थे.
बता दें कि गुजरात में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों पर 7 मई को एक ही चरण में मतदान है.
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