Gujarat: गेनीबेन ठाकोर ने दिया इस्तीफा, गुजरात में हैं कांग्रेस की एकमात्र लोकसभा सांसद
Geniben Thakor: गुजरात के बनासकांठा से कांग्रेस सांसद गेनीबेन ठाकोर ने लोकसभा चुनाव में अपनी जीत के बाद अपनी विधानसभा सीट छोड़ दी है. उन्होंने गुरुवार को इस्तीफा दे दिया.
Gujarat News: गुजरात की बनासकांठा (Banaskantha) सीट से लोकसभा चुनाव जीतने वाली कांग्रेस नेता गेनीबेन ठाकोर(Geniben Thakor) ने अपनी विधायकी से इस्तीफा दे दिया है. वह गुजरात के वाव सीट से विधायक थीं. गेनीबेन ने गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया. गेनीबेन गुजरात से कांग्रेस की एकमात्र लोकसभा सांसद हैं. बीते दो चुनाव में कांग्रेस यहां से खाता नहीं खोल पाई थी और बीजेपी को हैट्रिक की उम्मीद थी जिस उम्मीद पर गेनीबेन की जीत ने पानी फेर दिया.
गेनीबेन वाव सीट से दो बार की विधायक रही हैं. 2017 और 2022 का विधानसभा चुनाव उन्होंने यहां से जीता था. उन्हें कांग्रेस ने 2012 में भी टिकट दिया था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 48 वर्षीय गेनीबेन को 2012 में इस सीट पर बीजेपी के शंकर चौधरी ने हराया था. 2022 चुनाव में गेनीबेन को यहां 102,513 वोट मिले थे जबकि बीजेपी के स्वरुप ठाकोर को 86,912 वोट मिले थे.
बनासकांठा में रेखाबेन को हराया
गेनीबेन कांग्रेस की एकमात्र प्रत्याशी थीं जिन्हें गुजरात में लोकसभा चुनाव में जीत हासिल हुई जबकि बाकी सभी बीजेपी के प्रत्याशियों से हार गए. गेनीबेन ने बनासकांठा सीट पर बीजेपी की रेखाबेन हितेशभाई चौधरी को हराया. गेनीबेन ने रेखाबेन को 30406 वोटों से हराया. गेनीबेन को बनासकांठा सीट पर 671883 वोट मिले जबकि रेखाबेन के पक्ष में 641477 वोट पड़े थे. वहीं, इस सीट पर बसपा तीसरे नंबर पर रही. बसपा प्रत्याशी एम एम परमार को यहां बड़ी हार का सामना करना पड़ा. उनके पक्ष में केवल 9929 वोट ही पड़े.
इन मुद्दों के कारण चर्चा में रही हैं गेनीबेन
गेनीबेन लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद से ही चर्चा में हैं. वह अपने बयानों और किसी विषय़ को लेकर अपने स्टैंड के कारण भी चर्चा में रहती हैं. 2019 में उन्होंने ठाकोर समुदाय के उस फैसले का सपोर्ट किया था जिसमें कहा गया था कि समुदाय की अविवाहित लड़कियों के फोन के इस्तेमाल पर रोक लगा देनी चाहिए थी. गेनीबेन ने कहा था कि मोबाइल के इस्तेमाल पर बैन लगाना कोई गलत बात नहीं है क्योंकि लड़कियों को टेक्नोलॉजी की जगह पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए. 2023 में उन्होंने रजिस्ट्रेशन ऑफ मैरेज एक्ट 2009 में संशोधन की मांग की थी.
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