Gujarat: दोपहिया वाहनों पर कोरोना की मार, दो साल में दोपहिया ऋण अस्वीकृति दर बढ़कर 31 प्रतिशत हुई
Gujarat: कोरोना दिक्कतों के बीच बैंकों और वित्त कंपनियों ने टू व्हीलर्स के लिए अपने वित्तपोषण मानदंडों को कड़ा कर दिया है.अहमदाबाद में पिछले दो सालों में दोपहिया ऋण अस्वीकृति दर बढ़कर 31% हो गई है.
Gujarat: कोरोना महामारी के दौर में कई लोगों की नौकरी चली गई है तो वहीं कई लोगों को व्यापार में भी भारी घाटा हुआ है. लोगों की आमदनी कम हो गई है. इन परेशानियों के बीच अब बैंकों और वित्त कंपनियों ने भी दोपहिया वाहनों के लिए अपने वित्तपोषण मानदंडों को कड़ा कर दिया है.
ऋण अस्वीकृति दर बढ़कर 31% हो गई
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, अहमदाबाद में पिछले दो वर्षों में दोपहिया ऋण अस्वीकृति दर बढ़कर 31% हो गई है. 2021-22 की तीसरी तिमाही में प्राप्त 15,500 आवेदनों में से 10,700 दोपहिया ऋण आवेदन खारिज कर दिए गए.
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FADA के अनुमानों से पता चलता है कि 2019 की दिसंबर तिमाही में, यह दर अनुमानित 20% थी. उद्योग जगत के लोगों का कहना है कि नकारात्मक सिबिल स्कोर या प्रोफाइल के कारण ऑटोमोबाइल ऋण आवेदन खारिज कर दिए गए थे.
चार पहिया वाहनों की तुलना में अस्वीकृति अधिक
एक ऋण अधिकारी के मुताबिक,''बहुत से लोग जिन्होंने अपनी नौकरी खो दी और व्यावसायिक नुकसान या वेतन कटौती का सामना किया, वे समय पर अपनी ईएमआई का भुगतान नहीं कर सके, जिसके कारण उनका सिबिल स्कोर नीचे चला गया. जिन लोगों का सिबिल स्कोर एक निश्चित सीमा से कम था, उन्हें ऋण अस्वीकृति का सामना करना पड़ा. 2019 में 20% अस्वीकृति दर की तुलना में, यह अब दिसंबर 2021 तक 30-35% है. चार पहिया वाहनों की तुलना में दोपहिया वाहनों के मामले में अस्वीकृति अधिक थी. ”
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