Cricketer Vishnu Solanki's Father Death: बड़ौदा (Baroda) के क्रिकेटर विष्णु सोलंकी (Vishnu Solanki) पर पिछले कुछ समय से दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. कुछ दिन पहले ही अपनी नवजात बेटी को खोने वाले विष्णु सोलंकी के अब पिता का भी निधन हो गया है. विष्णु सोलंकी उस समय चर्चा में आए थे, जब नवजात बेटी के निधन के बाद क्रिकेट के मैदान पर उतरे और शतक जड़ा था. अब उन्हें पिता के निधन की खबर मिली और अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो पाए. उन्होंने वीडियो कॉल के जरिये अंतिम संस्कार को देखा.


दरअसल 29 साल के क्रिकेटर विष्णु सोलंकी के घर 10 फरवरी को बेटी ने जन्म लिया. इसके कुछ दिन बाद ही बच्ची की अस्पताल में मौत हो गई. यहां तक की विष्णु ने अपनी बच्ची का चेहरा तब देखा, जब उसका अंतिम संस्कार करने पहुंचे. इस दौरान वह बंगाल के खिलाफ बड़ौदा के पहले रणजी मैच में हिस्सा नहीं ले पाए, हालांकि अंतिम संस्कार के बाद विष्णु घर पर नहीं रुके और वापस टीम के साथ जुड़ गए.


टीम के मैनेजर ने दी पिता के निधन की ख़बर


बड़ौदा के दूसरे मुकाबले में चंडीगढ़ के खिलाफ खेलते हुए विष्णु ने शतक जड़ा. विष्णु ने 12 चौकों की मदद से 103 रन की पारी खेली और मानसिक तौर पर वे कितने मजबूत खिलाड़ी हैं, इसको दिखाया. बेटी को खोने का गम अभी कम ही हो रहा था कि अब पिता के निधन के बारे में उन्हें जानकारी मिली. रविवार को रणजी मैच के अंतिम दिन विष्णु को मैनेजर से ख़बर मिली कि काफी बीमार चल रहे उनके पिता का निधन हो गया है.


"टीम को मझधार में नहीं छोड़ना चाहते थे विष्णु"


बड़ौदा क्रिकेट संघ (बीसीए) के एक अधिकारी ने बताया, "विष्णु के पास बेटी के निधन के बाद टीम से नहीं जुड़ने का विकल्प था, लेकिन वे टीम के लिए खेलने वाले खिलाड़ी हैं. विष्णु टीम को मझधार में नहीं छोड़ना चाहते थे. यही उसे विशेष बनाता है. बड़ौदा को अपना अगला मुकाबला तीन मार्च से हैदराबाद के खिलाफ खेलना है. वे अभी यह समझ भी नहीं पाए होंगे कि दो हफ्ते के भीतर बच्चे और पिता को गंवाने का गम क्या होता है. किसी को नहीं पता कि विष्णु को भारत के लिए खेलने का मौका मिलेगा या नहीं लेकिन जब बात जज्बे की आएगी तो वह टॉप खिलाड़ियों में शामिल होंगे.


सचिन तेंदुलकर की दिलाई याद


गौरतलब है कि विष्णु सोलंकी उन सैकड़ों घरेलू क्रिकेटरों में शामिल हैं, जो हर साल रणजी ट्रॉफी में खेलने के लिए उतरते हैं. पिछले दो हफ्तों में जिस तरह से उनपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है और ऐसे मे वे अपने जिस साहस का परिचय दे रहे हैं, वह सभी को हिम्मत देने वाला है. घरेलू क्रिकेटरों के लिए रणजी ट्रॉफी पैसे कमाने का अहम जरिया होता है. विष्णु ने महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर की भी याद दिलाई है, जो अपने पिता की मौत के बाद ब्रिस्टल पहुंच गए थे, क्योंकि उनकी मां नहीं चाहती थी कि वह देश की सेवा से पीछे हटे. साथ ही विराट कोहली ने भी पिता के निधन के बाद 97 रन की पारी खेली थी और फिर अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे.


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