Cyclone Biparjoy Effect: चक्रवात तूफान बिपारजॉय को देखते हुए गुजरात के द्वारका में द्वारकाधीश मंदिर कल 15 जून को बंद रहेगा. एसडीएम द्वारका पार्थ तलसानिया ने इस बात की जानकारी दी. चक्रवाती तूफान बिपारजॉय के गुजरात तट की ओर बढ़ने के साथ ही सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र के कुछ हिस्सों में तेज हवाएं चलने के साथ ही भारी बारिश हुई. मौसम विज्ञान विभाग ने बुधवार को यह जानकारी दी.
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, बुधवार सुबह तक पिछले 24 घंटों में सौराष्ट्र और कच्छ जिलों के 54 तालुकों में 10 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई. देवभूमि द्वारका, राजकोट, जामनगर, पोरबंदर और जूनागढ़ जिलों में भारी बारिश हुई. एसईओसी के अनुसार, इस अवधि में देवभूमि द्वारका जिले के खंभालिया तालुका में सबसे अधिक 121 मिलीमीटर बारिश हुई. वहीं द्वारका में 92 मिलीमीटर और कल्याणपुर 70 मिलीमीटर बारिश हुई. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के बुलेटिन के अनुसार, 15 जून को चक्रवात के गुजरात तट पर पहुंचने के साथ ही बारिश बढ़ जाएगी. कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिलों में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है.
आईएमडी के अनुसार, चक्रवात के 15 जून की शाम को 125-135 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार के साथ जखाऊ बंदरगाह के पास कच्छ में मांडवी और पाकिस्तान के कराची के बीच टकराने के आसार हैं. आईएमडी ने शुक्रवार को उत्तरी गुजरात के कुछ जिलों और दक्षिणी राजस्थान में अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने का पूर्वानुमान लगाया है. कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी जिलों में बृहस्पतिवार को हवाएं 125-135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक चल सकती हैं.
आईएमडी के अनुसार, सौराष्ट्र और कच्छ के तटों पर बुधवार शाम तक समुद्र की स्थिति बहुत खराब रहने की आशंका है. खगोलीय ज्वार के अलावा दो से तीन मीटर तक की ऊंची लहरें उठ सकती हैं. इससे चक्रवात के वहां पहुंचने के दौरान निचले इलाकों में पानी भर जाने की आशंका है. अलग-अलग जगहों पर 3-6 मीटर तक की लहरें उठ सकती हैं.