Gujarat News: एक लंबे अरसे से ड्राइ स्टेट का दर्जा रखने वाले गुजरात में शराब परमिट होल्डर (liquor permit holder) की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. यहां तीन सालों में स्वास्थ्य के आधार पर शराब परमिट होल्डर की संख्या में 58 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. राज्य निषेध विभाग के आंकड़ों के अनुसार नवंबर 2020 में 27,452 परमिट होल्डर के मुकाबले अब गुजरात में 43,470 परमिट होल्डर हैं. सूत्रों के अनुसार नए परमिट आवेदनों पर तेजी से कार्रवाई की जा रही है, जिससे राज्य में शराब की दुकानों की बिक्री बढ़ रही है. 


आंकड़ों से पता चलता है कि अहमदाबाद में अधिकतम 13,456 परमिट होल्डर हैं. इसके बाद सूरत में 9,238, राजकोट में 4,502, वडोदरा 2,743, जामनगर 2,039 और गांधीनगर 1,851 परमिट होल्डर हैं. एंजाइटी, हाइपर टेंशन और नींद न आने की बढ़ती घटनाओं की वजह से 40 साल से अधिक उम्र के लोग शराब स्वास्थ्य परमिट के लिए आवेदन कर रहे हैं. राज्य निषेध और एक्साइज डिपार्टमेंट भी शराब परमिट आवेदनों को मंजूरी दे रहा है. 


इस साल शराब बिक्री में 20 फीसदी की बढ़ोतरी
विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हालांकि, कुछ मामलों में परमिट होलडर की मौत के बाद खुद ब खुद परमिट रद्द हो जाता है. वहीं गुजरात में पिछले साल की तुलना में 2023 में शराब की कुल बिक्री में कम से कम 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. यहां शराब बिक्री में बढ़ोतरी का प्रमुख कारण विजिटर परमिट भी है. इस बार विजिटर परमिट में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. दरअसल वर्ल्ड कप और जी20 कार्यक्रमों की वजह से विजिटर परमिट में बढ़ोतरी हुई है. 


इन शराबों की बढ़ी मांग
वहीं एक होटल व्यवसायी ने बताया कि प्रदेश में वोदका और व्हाइट रम की मांग भी बढ़ रही है, क्योंकि ट्रैवल करने वाले लोग अक्सर कॉकटेल पसंद करते हैं. एक अन्य होटल व्यवसायी ने कहा ज्यादा मांग की वजह से सिंगल माल्ट और वाइन सहित इंपोर्टेड शराब की हमारी खरीद एक साल में कम से कम 40 फीसदी बढ़ गई है. बता दें गुजरात में मौजूदा समय में लगभग 77 होटलों के पास परमिट शराब की दुकानें हैं, जबकि नई शराब की दुकानों के लिए 18 आवेदन प्रोसेस में हैं.


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