Budget 2022: गुजरात की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा बजट? हेल्थ केयर और वेलफेयर सेक्टर निराश
Budget 2022: गुजरात में हेल्थ सेक्टर से लेकर वेलफेयर तक सभी निराश हैं क्योंकि उनकी उम्मीदें बजट को लेकर खरी साबित नहीं हुई. जानिए- क्यों है ये निराशा?
Budget 2022: गुजरात में कोरोना महामारी के कारण हेल्थ सेक्टर को बहुत नुकसान हुआ है जिसके बाद बजट में हेल्थ सेक्टर के लिए काफी उम्मीदें की गयी थी लेकिन बजट ने सबको चौंका दिया और वह स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर खरा साबित नहीं उतरा. आइये जानते हैं
कुछ विशिष्ट राहत उपायों या प्रोत्साहन योजनाओं की उम्मीद थी
गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (GCCI) के अध्यक्ष हेमंत शाह के मुताबिक हेल्थ सेक्टर के लिए कुछ विशिष्ट राहत उपायों या प्रोत्साहन योजनाओं की उम्मीद थी हालांकि जीसीसीआई ने सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना और क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट के लिए किए गए प्रावधानों की सराहना की,
आयकर दरों को युक्तिसंगत बनाया जाना चाहिए था
उन्होंने आगे कहा कि पीएलआई (उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन) योजना का लाभ उठाने के लिए न्यूनतम निवेश सीमा को एमएसएमई इकाइयों को लाभ पहुंचाने के लिए कम किया जाना चाहिए था और एक विशिष्ट कुल आवंटन से एमएसएमई इकाइयों के लिए राशि आवंटित की जानी चाहिए थी. शाह ने कहा, "मुद्रास्फीति की प्रवृत्ति को देखते हुए आयकर दरों को युक्तिसंगत बनाया जाना चाहिए था. जीसीसीआई ने स्टार्ट-अप के लिए कर छूट के विस्तार, एसईजेड के लिए नए अधिनियम और गिफ्ट सिटी के संबंध में की गई घोषणाओं की भी सराहना की.
सामाजिक क्षेत्रों में अधिक खर्च की आवश्यकता
गुजरात में फिक्की की सह-अध्यक्ष गीता गोराडिया ने बजट का स्वागत किया, लेकिन महसूस किया कि स्वास्थ्य, शिक्षा और मनरेगा और पीएम गरीब कल्याण योजना जैसी प्रत्यक्ष लाभ योजनाओं जैसे सामाजिक क्षेत्रों में अधिक खर्च की आवश्यकता है. गोराडिया ने कहा, "स्वास्थ्य सेवा, फार्मा, बायोटेक, ग्रीनटेक और एआई, इंटरनेट ऑफ थिंग्स आदि जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करने के लिए विशिष्ट हस्तक्षेप की आवश्यकता है. हम इन मुद्दों पर सरकार के साथ जुड़ना जारी रखेंगे.
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