Gujarat News: एक एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर को समाज की नजर में एक बुरा कार्य माना जा सकता है, लेकिन यहां एक पुलिसकर्मी के आचरण के नियमों के अनुसार इसे बुरा साबित नहीं किया जा सकता. गुजरात हाईकोर्ट ने एक कांस्टेबल की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर पुलिस को बर्खास्त करने का आधार नहीं हो सकता, जिसे अपनी शादी के बाहर महिला से सम्बन्ध रखने पर बर्खास्त कर दिया गया था.


क्या है पूरा मामला?


कांस्टेबल के अवैध संबंधों के सबूत जुटाने पर विधवा के परिवार ने 2012 में पुलिस विभाग में कांस्टेबल के उच्च अधिकारीयों से शिकायत की. जब प्राधिकरण द्वारा पूछताछ की गई, तो दोनों ने रिश्ते को स्वीकार कर लिया और विधवा ने कहा कि यह उसकी सहमति से था. इसके बाद विभागीय प्राधिकरण ने इसमें शामिल पक्षों को उत्पीड़न से बचने के लिए जांच नहीं करने का फैसला लिया.


कांस्टेबल को बर्खास्त कर दिया गया


कांस्टेबल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और सीधे 2013 में इस आधार पर सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था कि पुलिस बल के हिस्से के रूप में, महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षा प्रदान करना उसका कर्तव्य था, लेकिन वह इसके बजाय शोषण के किसी भी कार्य में शामिल था.


कांस्टेबल ने आखिर में अदालत का दरवाज़ा खटखटाया


प्राधिकरण ने यह भी कहा कि उनके आचरण को हल्के में नहीं लिया जा सकता है और उनके लिए सेवा में बने रहना पुलिस विभाग के हित में नहीं होगा और इससे पुलिस पर जनता के विश्वास को ठेस पहुंचने की संभावना है. कांस्टेबल ने यह कहते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया कि बर्खास्त किए जाने से पहले जांच की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था.


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