(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Lumpy Skin Disease: कच्छ में 'लम्पी स्किन डिजीज' का कहर, मृत मवेशियों को दफनाने के लिए दो शिफ्ट में काम कर रहे कर्मी
Lumpy Skin Disease Symptoms: गुजरात में लम्पी स्किन डिजीज से कोहराम मचा हुआ है. इस वायरस से अब तक हजारों मवेशियों की मौत हो चुकी है. मृत मवेशियों को दफनाने के लिए कर्मी दो शिफ्ट में काम कर रहे हैं.
What is Lumpy Skin Disease: कच्छ में गांधीधाम नगरपालिका संक्रामक गांठदार त्वचा रोग (एलएसडी) से मरने वाले मवेशियों के शवों के निपटान के लिए संघर्ष कर रही है. इसको लेकर अब कर्मचारी दो शिफ्टों में काम कर रहे हैं. सिविक बॉडी के अधिकारियों ने कहा कि मवेशियों की मौतों की संख्या में अचानक काफी वृद्धि हुई है. गांधीधाम नगरपालिका के मुख्य अधिकारी (सीओ) दर्शनसिंह चावड़ा ने कहा, “नियमित दिनों में, नगर पालिका को औसतन ऐसी पांच फोन कॉलें आती थी और नगर पालिका द्वारा किराए पर लिए गए निजी ठेकेदार शवों को वाहन में ले जाकर उसका निपटान करते थे. अब ये संख्या बढ़ गई है.
जैसे ही मवेशियों की मौत की संख्या हर दिन के हिसाब से 25 हुई है तो निजी ठेकेदार ने हमसे मुलाकात की और इतने सारे शवों को निपटाने में असमर्थता व्यक्त की. इसलिए, हमें अपने स्वच्छता विभाग के तीन ट्रैक्टर-ट्रेलरों और उस विभाग के कर्मचारियों को कार्य के लिए डायवर्ट करना पड़ा.”
लोग इस बात का कर रहे विरोध
26 जुलाई को कांडला स्पेशल इकोनॉमिक जोन (KASEZ) के पास गणेशनगर के निवासियों ने अपने इलाके के पास शवों के निपटान का विरोध किया और शवों से लदे ट्रैक्टर-ट्रेलर को नगर पालिका मुख्यालय लौटने के लिए मजबूर किया. गांधीधाम नगर पालिका अध्यक्ष इशिता तोलानी और गांधीधाम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जीसीसीआई) के प्रतिनिधियों ने दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी (डीपीए) से मवेशियों के शवों को मिट्टी में दफनाने के लिए एक नया भूखंड आवंटित करने का अनुरोध किया.
दो शिफ्ट में काम कर रहे कर्मी
विभिन्न भूखंडों का सर्वेक्षण करने के बाद, डीपीए के अध्यक्ष संजय मेहता ने शवों के निपटान के लिए वेलस्पन के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के पास जमीन का एक भूखंड सौंपा. सिविक बॉडी 27 जुलाई से इस भूखंड पर शवों का निस्तारण कर रहा है. सीओ ने कहा, “हमने इस भूखंड पर आठ फीट गहरे, छह फीट चौड़े और छह फीट लंबे गड्ढे खोदने के लिए एक कर्मी को सेवा में लगाया है. ये गड्ढे इतने बड़े हैं कि इनमें से प्रत्येक में 50 शवों को दफनाया जा सकता है. हमारी टीमें शवों की बढ़ी हुई संख्या को निपटाने के लिए दो शिफ्टों में काम कर रही हैं.”
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