Gandhinagar Court: गुजरात में गांधीनगर की एक कोर्ट ने गुरूवार को कहा कि वह 2013 के दुष्कर्म मामले में आरोपी और स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम का बयान वीडियो कांफ्रेंस के जरिये दर्ज करेगी. इस मामले में आसाराम और छह अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है. अतिरिक्त जिला न्यायाधीश डी.के.सोनी ने इस सप्ताह अभियोजन पक्ष की ओर से सबूत पेश किये जाने का कार्य पूर्ण होने के बाद दंड प्रकिया संहिता (सीआरपीसी)की धारा-313 के तहत आरोपियों के और बयान दर्ज करने के लिए चार अगस्त की तारीख तय की है.
किस-किस को बनाया गया है आरोपी?
आसाराम के वकील सी.बी.गुप्ता ने बताया कि इस मामले में आसाराम के अलावा उसकी पत्नी लक्ष्मी, बेटी भारती और चार महिला अनुयायी ध्रुवबेन, निर्मला, जसी और मीरा आरोपी हैं और चार अगस्त को सीआरपीसी की धारा-313 के तहत उनके बयान दर्ज किये जाएंगे. गौरतलब है कि वर्ष 2013 में एक किशोरी से दुष्कर्म करने के आरोप में जोधपुर (राजस्थान) की एक कोर्ट ने 2018 में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
वह इस समय जोधपुर की जेल में है. गांधीनगर की कोर्ट 2013 में हुए दुष्कर्म के मामले में अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस थाने में आसाराम के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर सुनवाई कर रही है. आसाराम पर दुष्कर्म करने, अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने, आपराधिक साजिश रचने, सबूतों को नष्ट करने आदि के आरोप हैं.
लगाई गई है कई धाराएं
आसाराम की पत्नी और बेटी सहित छह अन्य सह आरोपियों पर उकसाने, बंधक बनाने और साजिश रचने के आरोप हैं. सूरत पुलिस ने पिछले साल छह अक्टूबर को दो बहनों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की थी. एक मामला आसाराम और दूसरा उसके बेटे नारायण साई के खिलाफ दर्ज किया गया था. दोनों पर दुष्कर्म, यौन उत्पीड़न, अवैध रूप से बंधक बनाने सहित कई धाराएं लगाई गई हैं. बाद में, आसाराम के खिलाफ दर्ज शिकायत को अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस थाने में स्थानांतरित कर दिया गया क्योंकि घटना वहां के आश्रम में हुई थी.
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