Gujarat Surat Heart Attack News: गुजरात के सूरत में हार्ट अटैक ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. यहां पिछले 150 दिनों में हार्ट अटैक से अचानक 138 मौतों सो लोगों की चिंता बढ़ गई है. नेविसिविल और स्मीमेर अस्पतालों में प्रतिदिन 10 से 100 लोग ईसीजी के लिए आते हैं. अचानक हुई इन मौतों में मृतक के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खून का थक्का जमने से मौत होना पाया गया है.
पिछले 150 दिनों में ही शहर में 138 लोगों की अचानक मौत हो चुकी है. जिससे खासकर युवाओं में हार्ट अटैक की आशंका बढ़ गई है. सूरत शहर के सिविल और स्मीमेर जहां रोजाना 8-10 लोग ईसीजी के लिए आते थे. पिछले कुछ दिनों में यह संख्या लगभग 100 हो गई है.
एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि युवाओं का दिल लगातार कमजोर हो रहा है. आजकल लोग जिस तरह की जीवनशैली जी रहे हैं, उसका असर उनके दिल पर पड़ रहा है. इससे दिल के दौरे जैसी घातक बीमारियां बढ़ रही हैं. अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड डायग्नोस्टिक रिसर्च में प्रकाशित एक रिपोर्ट बताती है कि 2015 तक भारत में लगभग 6.5 करोड़ लोग हृदय रोग से पीड़ित थे. हैरानी की बात यह है कि इनमें से करीब 2.5 करोड़ लोग 40 साल या उससे कम उम्र के हैं.
डराने वाली है WHO की रिपोर्ट
WHO की ताजा रिपोर्ट भी भारतीयों को डरा देगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में पिछले 10 वर्षों में हृदय रोग से होने वाली मौतों की संख्या में 75 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक अकेले साल 2019 में दुनिया भर में दिल की बीमारियों से करीब 1.80 करोड़ लोगों की मौत हो गई. इनमें से 85 प्रतिशत मौतें अकेले दिल के दौरे के कारण होती हैं.
इस वजह से होता है हार्ट अटैक
हृदय रोग विशेषज्ञ के अनुसार हृदयाघात की स्थिति को 'मायोकार्डियल इनफार्क्शन' कहा जाता है. यह एक ऐसी स्थिति है जहां हृदय के एक हिस्से में रक्त की आपूर्ति बंद हो जाती है और इसके कारण रक्त और ऑक्सीजन लंबे समय तक नहीं पहुंच पाता है. जिसके कारण यह काम करना बंद कर देता है और व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है. दिल का दौरा पड़ने का मुख्य कारण आमतौर पर रक्त के थक्कों का जमा होना है. इसे रक्त का थक्का जमना भी कहा जाता है, जो धमनियों में वसा जमा होने के कारण होता है.
युवाओं में क्यों बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा?
आजकल ऐसे कई मामले सामने आते हैं जब युवाओं को जिम में वर्कआउट करते समय या डांस करते समय हार्ट अटैक आ जाता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि आजकल अज्ञात हृदय रोग, उचित प्रशिक्षण के बिना अत्यधिक और भारी व्यायाम, निर्जलीकरण और अत्यधिक उत्तेजक या कैफीन का सेवन युवाओं के दिल को कमजोर कर रहा है और दिल के दौरे की घटनाओं को बढ़ा रहा है.