Gujarat: गुजरात सरकार डॉक्टरों की कमी का सामना करने के अलावा नर्सिंग स्टाफ की कमी से भी जूझ रही है. राज्य में तृतीय श्रेणी में 2,452 नर्सिंग स्टाफ और 499 हेड नर्सों की कमी है. राज्य सरकार ने ये आंकड़े थसरा से कांग्रेस विधायक कांति परमार के एक सवाल के जवाब में विधानसभा में रखे. सरकार ने कहा कि कर्मचारियों के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने, सेवानिवृत्त होने या पदोन्नत होने के कारण पद खाली हो गए थे.


गुजरात लोक सेवा आयोग द्वारा भरे जाएंगे पद


सरकार ने कहा कि उसने हाल ही में 3,000 नर्सों की भर्ती के लिए जोर दिया था और 2,980 नियुक्त किए गए थे. सरकार ने कहा कि हेड नर्सों और सहायक नर्सिंग अधीक्षकों को पदोन्नत किया जाएगा, इसमें कहा गया है कि उप नर्सिंग अधीक्षक और नर्सिंग अधीक्षक के पद गुजरात लोक सेवा आयोग (जीपीएससी) द्वारा भरे जाएंगे.


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गुमनाम रहने की शर्त पर कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि अगर 2,980 कर्मियों की नियुक्ति के बाद भी रिक्तियां 2,452 रहती हैं, तो कोई भी भर्ती होने से पहले की स्थिति की कल्पना कर सकता है. उन्होंने कहा कि जब राज्य कोरोना से जूझ रहा था, तब उसे चिकित्सा क्षेत्र में सभी मोर्चों पर कर्मचारियों की भारी कमी का सामना करना पड़ा था.


अधिकांश पद खाली


आंकड़ों से पता चलता है कि 2,452 पदों में से अधिकांश पद खाली हैं. अहमदाबाद, राजकोट, वडोदरा, सूरत और जामनगर में 68% रिक्तियां हैं. यही स्थिति सभी श्रेणी के नर्सिंग स्टाफ की है. वहीं सरकार का कहना है कि कर्मचारियों के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने, सेवानिवृत्त होने या पदोन्नत होने के कारण पद खाली हो गए थे.


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