Gujarat: गुजरात में AAP ने आसान की बीजेपी की जीत की राह? कांग्रेस का कैसे बिगाड़ा खेल, आंकड़ों से समझिए पूरा गणित
Congress VS AAP: गुजरात में हुए विधानसभा चुनाव में आप की एंट्री ने चुनाव को त्रिकोणीय बना दिया. कई सीटों पर वोट भी बंटे. इन पांच सीटों से समझिए आप ने कैसे कांग्रेस का खेल बिगाड़ा.
Gujarat AAP: गुजरात में विधानसभा चुनाव को खत्म हुए करीब दो हफ्ते का समय बीत चुका है. गुजरात में एक बार फिर से बीजेपी अपने सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए अपनी सरकार बना ली है. एक तरफ जहां बीजेपी के खेमे में जश्न का माहौल है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अपने कमजोर पहलुओं को तलाश रही है और हार के कारणों को खोज रही है. वहीं पहली बार सभी सीटों पर चुनाव लड़ी आम आदमी पार्टी अपने पांच विधायकों के साथ ही खुश नजर आ रही है. गुजरात में कांग्रेस ने अपनी करारी हार का जिम्मेदार आम आदमी पार्टी को ठहराया है. इस मामले में खुद राहुल गांधी भी बोल चुके हैं कि, अगर गुजरात में आम आदमी पार्टी ना होती तो कांग्रेस जीत जाती.
आप की एंट्री ने आसान की बीजेपी की राह?
राहुल गांधी के इस बयान के बाद आप और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप भी चला. दक्षिण गुजरात की वसंदा सीट से जीते अनंत पटेल ने आदिवासी नेता छोटू वसावा की हार का ठीकरा भी आम आदमी पार्टी पर फोड़ा है. उन्होंने कहा, आप के चलते छोटू वसावा की हार हुई है. इस मामले में राजनीतिक विश्लेषक का भी मानना है कि गुजरात चुनाव में आप की एंट्री ने मामले को त्रिकोणीय बनाया कांग्रेस के वोट आम आदमी पार्टी की तरफ खिसके जिससे बीजेपी को इसका फायदा मिला और उसे प्रचंड जीत मिली.
जसदण सीट का गणित
राजकोट जिले की जसदण सीट पर आप और कांग्रेस में कड़ी टक्कर रही. यहां से दोनों उम्मीदवारों को करीब-करीब बराबर वोट ही मिले. इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार भोलाभाई गोहेल को 45,795 वोट और आप उम्मीदवार तेजस भाई गजीपरा को 47,636 वोट मिले. जबकि बीजेपी उम्मीदवार कुंवरजी बावलिया ने 63,808 हजार पाकर जीत दर्ज की.
झगड़िया सीट का गणित
भरूच जिले की झगड़िया सीट पर कई सालों से आदिवासी नेता छोटू वसावा का दबदबा रहा है. इस बार उन्होंने इस सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था. इस विधानसभा चुनाव में इस सीट से बीजेपी उम्मीवार ने जीत दर्ज की और छोटू वसावा को हार का सामना करना पड़ा. छोटू वसावा को 66,433 वोट मिले जबकि कांग्रेस को 15,219 और आप को 19,722 वोट मिले. अब अगर यहां भी ये वोट कांग्रेस को मिले होते नतीजे कुछ और ही होते. इस सीट से बीजेपी उम्मीदवार रितेशकुमार वसावा को 89,933 वोट मिले और उन्होंने जीत दर्ज की.
द्वारका सीट का गणित
द्वारका सीट पर कई सालों से बीजेपी का दबदबा रहा है. इस सीट से पबुभा माणेक पिछले सात बार से चुनाव जीत रहे हैं. अगर इस सीट पर आप, बीजेपी और कांग्रेस उम्मीदवारों को मिले वोटों पर नजर डालें तो हैरान करने वाली सामने आती है. द्वारका सीट से चुनाव लड़े पबुभा माणेक को विधानसभा चुनाव में 74,018 वोट मिले, वहीं कांग्रेस उम्मीदवार को 68,691 मिले. आप उम्मीदवार लक्ष्मणभाई नकुम को 28,381 वोट मिले. अब अगर गौर किया जाए तो यहां कांग्रेस और बीजेपी में करीबी लड़ाई थी. अगर इस सीट से आप के वोट कांग्रेस को मिले होते तो नतीजे कुछ और ही होते.
अरवल्ली सीट का गणित
अरवल्ली सीट से कांग्रेस उम्मीदवार को 2017 में जीत मिली थी. लेकिन इस बार माहौल बदल गया और बीजेपी की आंधी में कांग्रेस उड़ गई. यहां से बीजेपी उम्मीदवार पीसी बरंडा को 90396 वोट मिले, जबकि कांग्रेस 42831 और आप को 61628 वोट मिले. इस सीट पर भी वोट बंटवारे के कारण कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा.
टंकारा सीट का गणित
सौराष्ट्र की टंकारा सीट पर भी कुछ ऐसा ही नजारा है. यहां भी आप की एंट्री ने बीजेपी को काफी फायदा पहुंचाया है. टंकारा सीट से कांग्रेस ने इस बार ललित कगथरा को टिकट दिया था. कगथरा को 73018 वोट मिले. बीजेपी को 83,274 वोट मिले थे और आम उम्मीदवार को 17,834 मिले. अब अगर वोटों पर नजर डाला जाए तो यहां भी बीजेपी और कांग्रेस में कड़ी टक्कर हुई. अगर आप के हिस्से का वोट कांग्रेस को मिला होता तो बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती थी.
इन सीटों पर साफ देखा जा सकता है कि आप की एंट्री से बीजेपी को कैसे फायदा हुआ और आप ने कांग्रेस का कैसा खेल बिगाड़ा. गुजरात में कई सीटों पर आप की एंट्री ने चुनाव को त्रिकोणीय बनाया और वोट बंटने पर इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिला.
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