AAP MLA Chaitar Vasava News: आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक चैतर वसावा और उनके करीब 100 समर्थकों को मंगलवार (17 दिसंबर) को पुलिस ने गुजरात के नर्मदा जिले में हिरासत में ले लिया. दावा है कि चैतर वसावा अपने खिलाफ दर्ज एक मामले में भरूच के पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण करने जा रहे थे. तभी उन्हें हिरासत में ले लिया गया. देदियापाड़ा पुलिस स्टेशन के निरीक्षक प्रकाश पंड्या ने कहा कि कानून-व्यवस्था की चिंताओं के कारण हिरासत में लिया गया था. विधायक बिना किसी नोटिस के पुलिस के सामने पेश होने वाले थे.


पंड्या ने कहा, ''कानून-व्यवस्था की चिंताओं को देखते हुए, हमने वसावा और उनके लगभग 100 समर्थकों को नवगाम में हिरासत में लिया, जब वे 10 दिसंबर को विधायक के खिलाफ दर्ज एक प्राथमिकी के सिलसिले में अंकलेश्वर के एक पुलिस स्टेशन जा रहे थे.''


चैतर वसावा पर क्या है आरोप?


आदिवासी नेता चैतर वसावा और अन्य पर आरोप है कि 3 दिसंबर को भरूच जिले के अंकलेश्वर जीआईडीसी (गुजरात औद्योगिक विकास निगम) में एक औद्योगिक इकाई के परिसर में अनिधिकृत तौर पर घुस आए. इसी मामले में उनके खिलाफ 10 दिसंबर को अंकलेश्वर जीआईडीसी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया.






सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने, सरकारी कर्मचारी को चोट पहुंचाने की धमकी और आपराधिक अतिक्रमण और गलत तरीके से रोकने का आरोप चैतर वसावा पर लगाया गया है. एफआईआर में कहा गया है कि वसावा और उनके समर्थक बचाव अभियान के दौरान रोके जाने के बावजूद फैक्ट्री परिसर में घुस गए. वे मृतक श्रमिकों के रिश्तेदारों से मिलने गए और पुलिस और अन्य अधिकारियों को उनके कर्तव्यों का पालन करने से रोका और यहां तक ​​कि फैक्ट्री अधिकारियों को धमकाया. उन्होंने पुलिस और सरकार के खिलाफ श्रमिकों के रिश्तेदारों को भी भड़काया.


क्या बोले चैतर वसावा?


अपनी हिरासत पर प्रतिक्रिया देते हुए नर्मदा जिले के डेडियापाड़ा से विधायक वसावा ने कहा कि वह एफआईआर के सिलसिले में पुलिस के सामने पेश होने जा रहे थे क्योंकि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया था. उन्होंने कहा कि अगर पुलिस चाहे तो मुझे जेल में डाल सकती है. मैं यहां लोगों को न्याय दिलाने के लिए लड़ रहा हूं और अपनी आखिरी सांस तक ऐसा करता रहूंगा. 


7 दिसंबर को भरूच के राजपारडी पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ दर्ज एक अन्य एफआईआर का हवाला देते हुए वसावा ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) तानाशाही सरकार चला रही है. उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध मार्च के लिए हम पर मामला दर्ज किया गया, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं. इस साल की शुरुआत में चैतर वसावा ने भरूच सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 


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