Surat News: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के गुजरात अध्यक्ष ने अचानक से एक कदम उठाते हुए सूरत में पार्टी की सभी इकाइयों को भंग कर दिया है. पार्टी नेता असदुद्दीन ओवैसी ने दक्षिण गुजरात में सूरत शहर के लिंबायत इलाके में एक जनसभा को संबोधित करने के तुरंत बाद यह फैसला सामने आया है. अपने दौरे के 24 घंटे के भीतर राज्य इकाई के अध्यक्ष ने सूरत शहर और जिला समितियों, महिला समितियों और युवा शाखा को भंग कर दिया.


नहीं बताया गया कोई कारण
एआईएमआईएम के सूरत नगर समिति अध्यक्ष वसीम कुरैशी के मुताबिक प्रदेश इकाई अध्यक्ष की ओर से पत्र में समितियों को भंग करने का कोई कारण नहीं बताया गया है. वह इस मुद्दे पर कानूनी सलाह ले रहे हैं, जिसके बाद वह अपना पक्ष रखेंगे. यह संभवत: किसी पार्टी के पदाधिकारी के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो क्लिप की प्रतिक्रिया हो सकती है. बार-बार कोशिश करने के बावजूद साबिर काबुलीवाला से संपर्क नहीं हो सका. उनके पत्र में सिर्फ इतना कहा गया है कि सूरत शहर और जिलों की सभी समितियों को भंग कर जल्द ही नए पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी. 


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ओवैसी का स्वागत करने के लिए दिए थे नगद
वीडियो क्लिप में, सूरत युवा विंग के उपाध्यक्ष सैय्यद मजहर सैय्यद कमर आरोप लगा रहा है कि सूरत शहर के अध्यक्ष वसीम कुरैशी और राज्य इकाई के पदाधिकारी खुर्शीद अहमद ने पिछले हफ्ते उससे संपर्क किया था और पार्टी को 3.50 लाख रुपये डोनेट करने का अनुरोध किया था और उससे कहा गया था कि उसे पार्टी के राष्ट्रीय नेता ओवैसी का जंप बाजार में स्वागत करने का मौका मिलेगा. जिसमें से 2.50 लाख रुपये उसने कुरैशी और अहमद को नकद में दिए थे.


जान को है खतरा
मजहर का दावा है कि उनसे वादा किया गया था कि राष्ट्रीय नेता के इस मार्ग को बदलने के लिए वह जम्प बाजार क्षेत्र में दो जगहों पर रुकेंगे और दोनों जगहों पर वह ओवैसी का स्वागत करेगा. इससे उसके क्षेत्र में उसकी लोकप्रियता और विश्वसनीयता बढ़ाने में मदद मिलेगी. 2.50 लाख रुपये एडवांस देने के बावजूद ओवैसी जंप बाजार में नहीं रुके. उन्हें लगता है कि पार्टी पदाधिकारियों ने राष्ट्रीय नेताओं के नाम पर ठगी की है. उन्हें डर है कि जिन लोगों ने धोखा दिया है, उनकी समुदाय और पार्टी में मजबूत पकड़ है और उनकी जान को खतरा है.


काले झंडे दिखाने पर राष्ट्रीय नेता गंभीर
पार्टी सूत्रों ने यह भी कहा कि निस्संदेह लिंबायत में एक बड़ी सभा थी, लेकिन जब ओवैसी का काफिला आयोजन स्थल के पास आ रहा था, तो एक स्थान पर एक छोटे समूह ने काले झंडे दिखाए, इसे भी पार्टी राज्य और राष्ट्रीय नेताओं ने गंभीरता से लिया है.


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