Bhagavad Gita in Gujarat School: सोमवार से शुरू हो रहे शैक्षणिक सत्र से सरकारी स्कूलों में भगवत गीता पढ़ाना शुरू करने की घोषणा के बाद गुजरात सरकार इस पवित्र ग्रंथ पर करीब 50 लाख सप्लीमेंटरी पुस्तिकाएं तैयार करने की प्रक्रिया में है. इसे यहां के कक्षा 6 से 12 के छात्रों को वितरित किया जाएगा. शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत में सभी छात्रों को इन पुस्तिकाओं को उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा.


कैसे होगा छात्रों का मूल्यांकन?


हालांकि, गीता के ज्ञान के आधार पर छात्रों का मूल्यांकन कैसे किया जाएगा इस पर सरकार चुप्पी साधे हुई है. जहां सरकारी स्कूलों को सप्लीमेंटरी पुस्तिकाएं मुफ्त उपलब्ध कराई जाएंगी. वहीं निजी स्कूलों के छात्रों को उन्हें खरीदना होगा, यदि निजी स्कूल उन्हें अपने पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहते हैं.


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छात्र गीता की शिक्षाओं का विस्तार से करेंगे अध्ययन


एक सूत्र ने कहा, "कक्षा 6 से 9 तक की संदर्भ सामग्री में महात्मा गांधी, रवींद्रनाथ टैगोर और भगवत गीता के बारे में कुछ विदेशी लेखकों के प्रसिद्ध कोट (Quotes) शामिल होंगे." उच्च कक्षाओं के छात्र गीता की शिक्षाओं का विस्तार से अध्ययन करेंगे. सूत्र ने कहा, "गीता के 18 अध्यायों में व्यक्त किए गए प्रमुख विचारों को उच्च कक्षाओं में पढ़ाया जाएगा." सरकारी स्कूलों के शिक्षक इस विषय पर उन्मुखीकरण सत्र से गुजरेंगे.


वघानी ने दी ये जानकारी


इससे पहले इस साल मार्च में गुजरात सरकार ने विधानसभा सत्र में घोषणा की थी कि जून 2022 से कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को गीता सिखाई जाएगी. वघानी ने गांधीनगर में मीडियाकर्मियों से कहा था, "सभी धर्मों के लोगों ने प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों में उल्लिखित नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों को स्वीकार किया है." उन्होंने कहा, "शास्त्र को कक्षा 6 से 8 के छात्रों के लिए 'सर्वांगी शिक्षण' (समग्र शिक्षा) पाठ्यपुस्तक में पेश किया जाएगा." इसे कक्षा 9 से 12 तक की पहली भाषा की पाठ्यपुस्तकों में कहानी सुनाने के रूप में पेश किया जाएगा.


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