Gujarat News: छह घंटे की मैराथन चर्चा के बाद, गुजरात विधानसभा ने शहरी क्षेत्रों में गुजरात मवेशी नियंत्रण (रखरखाव और आवाजाही) विधेयक 2022 को शुक्रवार सुबह 12.35 बजे बहुमत से पारित कर दिया. प्रस्तावित कानून अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, राजकोट, भावनगर, जूनागढ़, जामनगर और गांधीनगर के आठ नगर निगमों और 162 नगरपालिका क्षेत्राधिकारों पर लागू होगा. कांग्रेस ने विधेयक का कड़ा विरोध किया और बीजेपी सरकार पर "वोट के लिए गायों" का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया
25 विधायकों ने चर्चा में भाग लिया
अपने अंतिम बयान में, शहरी विकास राज्य मंत्री विनोद मोरादिया ने कहा, "विधेयक शाम 6 बजे पेश किया गया था और अब यह 12.20 बजे है ... 25 विधायकों ने चर्चा में भाग लिया. मैं 20 गाय रखता हूं. बीजेपी सरकार ने पंजरापोल को आर्थिक मदद शुरू कर दी है. इस संवेदनशील सरकार ने गायों की रक्षा के लिए जो कुछ भी करना होगा, करने का फैसला किया है.
लाइसेंस यह सुनिश्चित करने के लिए है कि मालिकों के पास गायों के लिए पर्याप्त जगह हो. कल्पना कीजिए कि जब गाय प्लास्टिक और कचरा खाती हैं और छोटे बच्चे उनका दूध पीते हैं तो इससे क्या नुकसान होता है.
कांग्रेस विधायकों ने कड़ा विरोध किया
चर्चा के दौरान, कांग्रेस ने गुजरात विधानसभा के अंतिम दिन पेश किए गए विधेयक का कड़ा विरोध किया, एक स्वर में इसे वापस लेने की मांग की, और बीजेपी सरकार पर "वोट के लिए गायों" का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. कांग्रेस विधायकों ने सरकार पर अनियोजित शहरीकरण के लिए भी आरोप लगाया, जिसके कारण "देहाती भूमि का ह्रास" हुआ.
पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने बिल में लगाए गए भारी जुर्माना पर भी आपत्ति जताई थी, जिसमें दोबारा अपराध करने पर अधिकतम 5 लाख रुपये का जुर्माना और दो साल तक की कैद का प्रावधान है. कांग्रेस विधायक रघुभाई देसाई, जो पशु-पालन (मालधारी) समुदाय से हैं, उन्होंने सरकार पर "समुदाय की पीठ में छुरा घोंपने" का आरोप लगाया.