Gujarat Election 2022: गुजरात में कल यानी 5 दिसंबर को विधानसभा की 93 सीटों के लिए दूसरे चरण का मतदान होना है. पहले चरण में विधानसभा की 89 सीटों के लिए 1 दिसंबर को मतदान हुआ था. कल के बाद सभी उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी और 8 दिसंबर को उनकी किस्मत का फैसला होगा. गुजरात (Gujarat) में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है. आम आदमी पार्टी ने इस बार गुजरात चुनाव को बेहद दिलचस्प बना दिया है. पहले जो लड़ाई कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) की बीच होती थी, अब उस लड़ाई को मुख्य रूप से बीजेपी और आम आदमी पार्टी ( Aam Aadmi Party) के बीच माना जा रहा है.


क्या गुजरात की जनता को रिझा पाएगा केजरीवाल का दिल्ली विकास मॉडल


इस बात में कोई दोराय नहीं की आम आदमी पार्टी ने इस बार गुजरात चुनाव में अपनी पूरी ताकत झौंकी है लेकिन उसके बावजूद आप के लिए बीजेपी के 27 साल पुराने अभेद किले को भेज पाना आसान नहीं होगा. हालांकि आम आदमी पार्टी इस बार गुजरात में अपनी जीत के पूरे दावे कर रही है. गुजरात में प्रचार के दौरान आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुजरात की जनता के दिल्ली मॉडल पर वोट मांगे. एक तरफ आप ने जहां अपने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य की बात की तो वहीं बीजेपी ने गुजरात में उसकी सरकार में पिछले 27 सालों में हुए विकास का खाका रखा. बीजेपी का कहना है कि उनकी डबल इंजन की सरकार ही गुजरात का विकास कर सकती है.


दूसरे चरण की 93 सीटों का चुनावी गणित


बात अगर दूसरे चरण के मतदान की करें  तो 14 उत्तरी जिलों की 93 सीटों पर होने वाला यह मतदान किसी भी पार्टी के लिए चुनौती भरा होगा. पिछले दो विधानसभा चुनावों में यहां कांग्रेस ने बीजेपी से बेहतर प्रदर्शन किया है. कांग्रेस इस क्षेत्र में अपनी बढ़त को बरकरार रखने की कोशिश करेगी. इस क्षेत्र की लगभग 32 सीटें कांग्रेस की मानी जाती हैं. वहीं बीजेपी की बात करें तो यहां के कुछ इलाकों में बीजेपी को बगावत का सामना करना पड़ रहा है.


AAP को तीसरे विकल्प के तौर पर देख रही गुजरात की जनता


तीनों पार्टियों के दावे से इतर गुजरात की जनता की बात करें तो गुजरात में एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है जो आम आदमी पार्टी को बीजेपी और कांग्रेस के विकल्प के तौर पर देख रहा है. महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से त्रस्त लोग इस बार आम आदमी पार्टी को मौका देने की बात कर रहे हैं. लेकिन यह केवल एक वर्ग विशेष की बात है. असल में गुजरात की जनता किसे अपने सिरमाथे बिठाती है यह तो 8 दिसंबर को ही पता चलेगा.


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