Gujarat Election 2022: गुजरात में AAP का ‘बब्बर शेर’ पर दांव, क्या पाटीदार नेता लगायेंगे पार्टी की नैया पार?
Gujarat Election: कथीरिया गुजरात में 2015 के पाटीदार कोटा (आरक्षण) आंदोलन के एक प्रमुख नेता थे. इस मुद्दे पर आक्रामक तेवर और समझौता नहीं करने वाले रुख के कारण उन्हें ‘बब्बर शेर’ का नाम दिया गया.
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Gujarat Assembly Election 2022: सूरत में वराछा रोड विधानसभा क्षेत्र में यहां अपने समर्थकों के साथ मोटरसाइकिल से आम आदमी पार्टी (आप) के युवा उम्मीदवार अल्पेश कथीरिया जब एक आवासीय कॉलोनी में पहुंचे तो एक युवा कार्यकर्ता ने कहा, ‘बब्बर शेर’ आ गया है, अब यहां किसी और के लिए जगह नहीं है.’’ अपने समर्थकों के साथ कथीरिया ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाते हुए घर-घर गए और निवासियों से राज्य के विधानसभा चुनाव में उन्हें वोट देने की अपील की. कई लोग कथीरिया के जुलूस को देखकर अपने-अपने घरों से बाहर आ गए थे.
‘‘हम आपके साथ हैं.’
एक बुजुर्ग महिला ने 28 वर्षीय कथीरिया को आश्वस्त किया, ‘‘हम आपके साथ हैं.’’ कथीरिया गुजरात में 2015 के पाटीदार कोटा (आरक्षण) आंदोलन के एक प्रमुख नेता थे और इस मुद्दे पर आक्रामक तेवर एवं समझौता नहीं करने वाले रुख के कारण उन्हें ‘बब्बर शेर’ का नाम दिया गया था. कथीरिया ने कहा कि बीजेपी ने कभी पार्टी के घोर समर्थक रहे पाटीदार समुदाय के साथ विश्वासघात किया है. उन्होंने कहा, ‘‘2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने (बीजेपी ने) वादा किया था कि वे हमारे खिलाफ दायर सभी मामले वापस ले लेंगे लेकिन सत्ता में आने के बाद उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया. उन्होंने हमारे साथ विश्वासघात किया है.’’
क्या बोले कथीरिया?
कथीरिया ने कहा, ‘‘1,000 से अधिक युवा अब भी मुकदमों का सामना कर रहे हैं और एक के बाद एक अदालतों में पेश हो रहे हैं क्योंकि मामले विभिन्न थाना क्षेत्रों में दर्ज किए गए थे.’’ खुद कथीरिया के खिलाफ 20 मामले दर्ज हैं जिनमें से दो राजद्रोह के हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने अपने झूठे वादों से न केवल पाटीदार समुदाय बल्कि गुजरात के लोगों को भी धोखा दिया है. उन्होंने कहा कि गुजरात के लोग महंगाई और बेरोजगारी का खामियाजा भुगत रहे हैं लेकिन बीजेपी की ‘भ्रष्ट’ सरकार उनकी दुर्दशा के प्रति उदासीन है.
बीजेपी पर साधा निशाना
वर्ष 2015 में पाटीदार युवाओं के खिलाफ बीजेपी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की कार्रवाई ने कई लोगों को पार्टी के खिलाफ कर दिया. आंदोलन के दौरान पुलिस कार्रवाई में करीब 14 पाटीदार युवकों की मौत हो गई और पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) के नेताओं पर कई मामले दर्ज किए गए. पाटीदार कोटा आंदोलन के दौरान हार्दिक पटेल के बाद अपने समुदाय के प्रमुख युवा चेहरे के रूप में उभरे कथीरिया पिछले माह आम आदमी पार्टी में शामिल हुए.
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने न केवल पाटीदार समुदाय को धोखा दिया है बल्कि उन्होंने अपने झूठे वादे से गुजरात के लोगों के साथ भी धोखा दिया है. कथीरिया ने कहा ‘‘अगर आप सत्ता में आती है तो 2015 में पाटीदार कोटा आंदोलन में हिस्सा लेने वालों के खिलाफ दर्ज सभी मामले वापस ले लिए जाएंगे. पार्टी अपने सभी वादों को भी पूरा करेगी.’’ वराछा रोड विधानसभा सीट में पाटीदार समुदाय की बहुलता है. सीट पर 2.19 लाख मतदाताओं में पार्टीदार समुदाय के सदस्यों की हिस्सेदारी 70 फीसदी है.
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