Gujarat Election 2022: कॉमन सिविल कोड को लेकर क्या है अरविंद केजरीवाल का रुख? abp न्यूज़ को बताया
Arvind Kejriwal: गुजरात और हिमाचल में बीजेपी समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर वादा कर चुकी है लेकिन विरोधी दल इसे महज चुनावी दांव मान रहे हैं. 'आप' ने मुद्दे पर जवाब दिया है.
Arvind Kejriwal on UCC: गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election 2022) के लिए बमुश्किल बचे 15 दिन पहले आम आदमी पार्टी (AAP) ने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) के मुद्दे पर अपना रुख बताया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री और 'आप' संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने एबीपी न्यूज (ABP News) के साथ विशेष बातचीत के दौरान कई सवालों के जवाब देते हुए समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने मुद्दे को लेकर बीजेपी (BJP) पर गंभीर आरोप लगाए. बकौल केजरीवाल बीजेपी समान नागरिक संहिता लाना नहीं चाहती है.
दरअसल, बीजेपी ने चुनावी राज्यों- गुजरात और हिमाचल प्रदेश में समान नागरिक संहिता को लागू करने संबंधी वादे किए हैं. बीजेपी ने गुजरात में इसके लिए कमेटी बनाने की घोषणा की है तो हिमाचल में अपने चुनावी घोषणापत्र में वादे को शामिल किया है.
क्या कहा अरविंद केजरीवाल ने?
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एबीपी न्यूज से कहा, ''मैंने कॉमन सिविल कोड का समर्थन किया है. जबरदस्त. मेरा तो यह कहना है कि कॉमन सिविल कोड होना चाहिए. हमारे सविधान के अंदर लिखा है, आर्टिकल 44 है शायद, आर्टिकल 44 कॉन्स्टिट्यूशन का यही कहता है कि हमारे देश में कॉमन सिविल कोड आएगा, आना चाहिए लेकिन जो बीजेपी कर रही है, वो कॉमन सिविल कोड लाना नहीं चाहती.''
सीएम केजरीवाल ने आगे कहा, ''हिमाचल के चुनाव हुए, उसके पहले उन्होंने कहा कि कॉमन सिविल कोड आएगा. उत्तराखंड के चुनाव हुए, उसके पहले उन्होंने एक कमेटी बना दी कॉमन सिविल कोड के लिए. जैसे ही चुनाव खत्म हो गए, वो कमेटी अपने-अपने घर चली गई. अब गुजरात के चुनाव हुए, उसके पहले उन्होंने कमेटी बना दी, देखना अब गुजरात के चुनाव के बाद ये कमेटी अगले चुनाव में इनको याद आएगी, ये कॉमन सिविल कोड लाना नहीं चाहते हैं.''
बीजेपी का यूसीसी पर रुख
हाल में 4 नवंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी एबीपी न्यूज के साथ विशेष बातचीत में समान नागरिक संहिता को लेकर जवाब दिया था. शाह से जब कांग्रेस और 'आप' की आपत्तियों का जिक्र करते हुए पूछा गया कि गुजरात में ही क्यों, देशभर में समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए? इस पर शाह ने कहा था, ''ये जनसंघ की स्थापना से हमारे एजेंडे का हिस्सा है. कॉमन सिविल कोड बीजेपी का देश की जनता को आइडियोलॉजिकल कमिटमेंट है. जनसंघ के समय से बीजेपी तक, ये हमारे सभी चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा रहा है. उस समय आम आदमी पार्टी थी नहीं लेकिन कांग्रेस का विरोध भी नया नहीं है.'' शाह ने कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया था.
बता दें कि 29 अक्टूबर को गुजरात सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने फैसला लिया था कि समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए हाई कोर्ट के एक रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाएगा.
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