Gujarat Assembly Election 2022: अहमदाबाद नगरपालिका चुनाव में हारने वाले छह उम्मीदवारों को गुजरात विधानसभा चुनाव में टिकट दिया गया है. टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी ने ऐसे चार उम्मीदवारों को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस और आप ने एक-एक टिकट दिया है. कहा जा रहा है कि, मौजूदा परिस्थितियों में उम्मीदवारों के जीतने का मौका है. गुजरात में एक दिसंबर से पहले चरण के लिए वोट डाले जाएंगे.
किसे कहां से मिला टिकट?
मामला निकोल से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे रंजीतसिंह बराड का है. 2010 में, उन्होंने विराटनगर वार्ड से नगर निगम का चुनाव लड़ा और हार गए. 2015 के निकाय चुनाव में, उन्होंने निकोल वार्ड के लिए लड़ाई लड़ी और बीजेपी के महेश कासवाला को हरा दिया. हालांकि, बराड 2021 के निकाय चुनाव में लगभग 4,000 मतों के अंतर से हार गए थे. 2022 के कसवाला सावरकुंडला निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. बराड ने कहा, 'हम अपनी गलतियों से सीखते हैं.'
एएमसी चुनाव में लगातार दो बार हारने वाले कौशिक जैन को दरियापुर से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी का टिकट दिया गया है. 2010 के निकाय चुनाव में जैन शाहपुर वार्ड से और 2015 के निकाय चुनाव में दरियापुर वार्ड से कांग्रेस के सुरेंद्र बख्शी से हार गए थे.
दिनेशसिंह कुशवाहा, जिन्हें बापूनगर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी का टिकट दिया गया है, ने सरसपुर-राखियाल वार्ड से 2021 के निकाय चुनाव में जीत हासिल की है. वह इसी वार्ड से 2010 एएमसी का चुनाव हार गए थे. सूत्रों ने कहा कि 2021 के निकाय चुनाव में, कुशवाहा की जीत का अंतर सरसपुर राखियाल वार्ड में पूरे बीजेपी पैनल में सबसे अधिक था.
दानिलिमदा से चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी के टिकट पाने वाले नरेश व्यास ने 1995 और 2005 में दानिलिमदा वार्ड से निकाय चुनाव जीते, लेकिन 2010 में हार गए. वह 2015 में बेहरामपुरा वार्ड से फिर हार गए. सबसे दिलचस्प मामला ओमप्रकाश तिवारी का है जिन्हें इस विधानसभा चुनाव में नरोदा से आप का टिकट मिला है.
तिवारी ने 2015 के एएमसी चुनाव में सरदारनगर वार्ड से कांग्रेसी के रूप में चुनाव लड़ा और 10 मतों के अंतर से जीत हासिल की. यह जीत कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण थी क्योंकि उसने तीन दशक बाद इस वार्ड पर कब्जा जमाया था. कांग्रेस ने उन्हें 2017 के विधानसभा चुनाव में नरोदा से चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया था. वह 150 वोटों से हार गए और बाद में आप में शामिल हो गए.
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