Kantilal Amrutiya Profile: कौन हैं मोरबी के 'नायक' अमृतिया, जिसे बीजेपी ने दिया है टिकट, जानिए उनके बारे में सबकुछ
Gujarat Election 2022: गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे मामले में 135 लोगों की मौत हुई थी. इस हादसे के बीच मोरबी के 'हीरो' के रूप में उभरे कांतिलाल अमृतिया को बीजेपी ने इसी सीट से टिकट दिया है.
Gujarat Election 2022: मोरबी पुल के ढहने से पूरे देश में हड़कंप मच गया था. बीजेपी उम्मीदवार कांतिलाल अमृतिया ने लोगों को बचाने के लिए मच्छू नदी में छलांग लगा दी थी. बीजेपी नेता इससे पहले 1995, 1998, 2002, 2007 और 2012 में मोरबी विधानसभा सीट से जीते थे. गुजरात के मोरबी में जब पुल हादसा हुआ था तो उस वक्त कांतिलाल अमृतिया ने अपनी जान की परवाह किये बिना नदी में कूदकर लोगों की जान बचाई थी. इस घटना के बाद से ही चरों तरफ उनके नाम की चर्चा होने लगी.
कौन हैं कांतिलाल अमृतिया?
पांच बार के पूर्व बीजेपी विधायक कांतिलाल अमृतिया, जिन्हें राजनीतिक गलियारों में लगभग भुला दिया गया था, मोरबी पुल ढहने के पीड़ितों को बचाने के लिए पानी में कूदते हुए वीडियो वायरल होने के बाद अचानक सुर्खियों में आ गए. जनता के बीच उनकी लोकप्रियता के साथ-साथ यह बहादुरी का कार्य था जिसने उन्हें इस सीट के लिए बीजेपी का टिकट दिलाने में मदद की. कानाभाई के नाम से मशहूर, उन्होंने 1995, 1998, 2002, 2007 और 2012 में मोरबी सीट से जीत हासिल की थी. 2017 में, वह कांग्रेस उम्मीदवार बृजेश मेरजा से हार गए, जो बाद में बीजेपी में शामिल हो गए और मोरबी से उपचुनाव जीतकर फिर से चुनाव में प्रवेश किया.
पहले सीट किसने जीती थी?
यह सीट वर्तमान में बीजेपी नेता बृजेश मेरजा के पास है, जो गुजरात में कैबिनेट मंत्री भी हैं. जबकि उन्होंने कांग्रेस नेता के रूप में चुनाव जीता था, राजनेता बीजेपी खेमे में चले गए. 2020 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और बीजेपी में शामिल हो गए, अंततः 2021 के उपचुनाव में बीजेपी के चिन्ह पर विधानसभा के लिए चुने गए.
इस बार किनसे है चुनावी लड़ाई?
कांग्रेस ने जयंतीलाल जेराजभाई पटेल को मैदान में उतारा है, जबकि आम आदमी पार्टी ने मोरबी में पंकज रनसरिया को टिकट दिया है. हालांकि गुजरात में पाटीदार बहुल मोरबी विधानसभा सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है, लेकिन इस बार के चुनावी समीकरण कई कारणों से बदल सकते हैं, जिसमें हाल ही में हुई पुल त्रासदी भी शामिल है, जिसमें 135 लोगों की जान चली गई थी. जहां इस घटना ने अमृतिया के लिए समर्थन बढ़ाया है, वहीं भगवा पार्टी के लिए चिंता का कारण भी है.
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