Gujarat Election 2022: गुजरात के व्यारा सीट पर पहली बार चुनावी मैदान में उतरे दो ईसाई उम्मीदवार कौन हैं? जानिए किसने दिया टिकट
Gujarat Election: गुजरात के व्यारा विधानसभा सीट पर पहली बार दो ईसाई उम्मीदवारों को उतारा गया है. जानिए किस पार्टी ने उन्हें टिकट दिया है और इस सीट का जातीय समीकरण क्या कहता है.
Gujarat Assembly Election 2022: आदिवासी आरक्षित व्यारा विधानसभा सीट पर पहली बार दो ईसाई उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है, एक को सत्तारूढ़ बीजेपी और दूसरे को विपक्षी कांग्रेस ने मैदान में उतारा है. अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित सीट पर एक दिसंबर को गुजरात चुनाव के पहले चरण में मतदान होगा. कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक पुनाभाई गामित को टिकट दिया है, और बीजेपी ने पहली बार चार बार के विधायक गामित को टक्कर देने के लिए ईसाई उम्मीदवार मोहन कोंकणी को टिकट दिया है. गामित ने विश्वास जताते हुए कहा कि ईसाई मतदाता फिर से कांग्रेस का समर्थन करेंगे, जबकि बीजेपी खेमे से कोंकणी ने दावा किया कि राज्य में भगवा पार्टी सरकार द्वारा किए गए विकास के कारण लोग सत्ताधारी पार्टी को वोट देंगे.
कौन हैं वो दो ईसाई उम्मीदवार
गुजरात के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री अमरसिंह चौधरी ने 1972 और 1985 के बीच चार बार इस सीट पर जीत हासिल की और 1985 में कांग्रेस के दिग्गज नेता बने. गामित को तब बीजेपी के प्रताप गामित के खिलाफ खड़ा किया गया था, जिसे उन्होंने बाद के तीन चुनावों में हराया था. 2017 में उन्होंने बीजेपी के अरविंद चौधरी को हराया था. इस बार बीजेपी ने पहली बार ईसाई आदिवासी उम्मीदवार मोहन कोंकणी को मैदान में उतारने का फैसला किया है. कांग्रेस ने 1990 के बाद से पिछले सात विधानसभा चुनावों में बीजेपी की तुलना में राज्य में एसटी-आरक्षित सीटें अधिक जीती हैं.
कोंकणी का दावा?
कोंकणी ने पीटीआई से कहा कि, यह 1995 से पार्टी के लिए उनका समर्पण और 2002 से उनकी जिला पंचायत सदस्यता है जिसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि सभी समुदायों के लोग उनके साथ हैं. कोंकणी ने कहा कि साथ ही, तथ्य यह है कि इस सीट पर ईसाइयों की बड़ी संख्या में मतदाता हैं, को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
व्यारा सीट से मैदान में सात उम्मीदवार
भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) ने सुनील गामित को टिकट दिया है तो आम आदमी पार्टी ने बिपिनचंद्र चौधरी को मैदान में उतारा है. बसपा से राकेश गामित और दो निर्दलीय भी दौड़ में हैं. कांग्रेस प्रत्याशी पुनाभाई गामित ने दावा किया कि क्षेत्र के ईसाई समुदाय के मतदाता उनके और उनकी पार्टी के साथ मजबूती से खड़े हैं. उन्होंने कहा, "ईसाई कांग्रेस के साथ हैं. वे कभी भी बीजेपी को वोट नहीं देंगे, भले ही उनके स्थानीय धार्मिक नेता उनसे ऐसा करने की अपील करें."
इस सीट पर जातीय समीकरण समझिए
गामित ने दावा किया कि उन्होंने सभी समुदायों - हिंदू, मुस्लिम और ईसाई के लोगों को एक साथ लिया और यही निर्वाचन क्षेत्र में उनकी सफलता का कारण था. व्यारा दक्षिण गुजरात के आदिवासी बहुल तापी जिले में स्थित है. इस सीट पर कुल 2.20 लाख मतदाताओं में से लगभग 40,000 या 20 प्रतिशत ईसाई हैं. व्यारा सीट पर गामित समुदाय के 88,000 मतदाता हैं, चौधरी समुदाय से 67,000 हैं, कोंकणी समुदाय से 13,000 और तीनों समुदायों के ईसाइयों की संख्या करीब 40,000 है.
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