Gujarat Assembly Election 2022: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और संकटमोचक रहे अहमद पटेल के निधन के दो साल बाद भी गुजरात के मौजूदा विधानसभा चुनाव में उनका नाम अभी भी उनके गृह जिले भरूच में पार्टी के लिए ‘‘उम्मीद की किरण’’ है. जहां एक तरफ आम आदमी पार्टी (आप) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में खुद को बीजेपी के मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में पेश करने का प्रयास करने में जुटी है, वहीं भरूच में लोगों के एक बड़े वर्ग के लिए कांग्रेस एक महत्वपूर्ण दावेदार है.


कांग्रेस के दिवंगत नेता पटेल के पैतृक गांव पिरामण में एक कबाड़ कारोबारी काशिफ मलिक ने कहा, ‘‘भरूच में आज आप जो भी विकास देख रहे हैं, वह उनके (अहमद पटेल) प्रयासों का परिणाम है. अहमद भाई इतनी बड़ी हस्ती थे कि उन्हें कोई कभी नहीं भूल सकता. उन्होंने यहां सभी का ख्याल रखा.’’ गांव के अन्य निवासी सरफराज ने कहा, ‘‘ यहां पिरामण में कोई भी कांग्रेस के अलावा किसी अन्य पार्टी को वोट नहीं देगा.’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पटेल का 25 नवंबर, 2020 को निधन हो गया था.


पिरामण गांव अंकलेश्वर विधानसभा सीट के अंतर्गत आता है जिस पर 22 साल से बीजेपी का कब्जा है. इस विधानसभा चुनाव में इस सीट पर दो भाइयों के बीच मुकाबला है. बीजेपी ने इस सीट से मौजूदा विधायक ईश्वरसिंह पटेल को मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने उनके खिलाफ ईश्वर सिंह के बड़े भाई विजय सिंह को टिकट दिया है. हालांकि, आम आदमी पार्टी के मैदान में उतरने से इस बार का चुनाव त्रिकोणीय मुकाबले में तब्दील हो गया है.


अंकलेश्वर सीट पर मतदाताओं का सबसे बड़ा हिस्सा पटेल समुदाय और मुस्लिम मतदाताओं का है, जो लगभग 30 फीसदी हैं. स्थानीय लोगों को लगता है कि कांग्रेस के वोटों में आम आदमी पार्टी सेंध लगा सकती है, विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदाय के वोट ‘आप’ को जा सकते हैं. पिरामण गांव भरूच विधानसभा क्षेत्र से सटा हुआ है, जहां अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के मतदाताओं का सबसे बड़ा हिस्सा है.


भरूच विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 38 प्रतिशत है. भरूच जिला गुजरात में सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्रों में शुमार है, इसलिए इस विधानसभा सीट पर बड़ी संख्या में प्रवासी और शहरी मतदाता हैं. भरूच विधानसभा क्षेत्र में ढाबा चलाने वाले मौसम शेख ने कांग्रेस के दिवंगत नेता अहमद पटेल और उनके ‘‘योगदान’’ को याद किया. हालांकि, उन्होंने कहा, ‘‘यहां कई लोग इस बार आम आदमी पार्टी को वोट देने के बारे में सोच रहे हैं.’’ 


शेख ने कहा, ‘‘लोग बदलाव चाहते हैं. देखते हैं हवा का रुख किस तरफ रहता है.’’ भरूच विधानसभा सीट 1995 से बीजेपी के पास है और पार्टी इसे बरकरार रखने को लेकर आश्वस्त है. कांग्रेस इस सीट पर जीत दर्ज करने के लिए प्रयास कर रही है.


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