Gujarat Assembly Election 2022: बीजेपी ने वरिष्ठ नेता और गुजरात के पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल को भले ही इस बार चुनाव मैदान में नहीं उतारा है लेकिन प्रमुख पाटीदार नेता का नाम राज्य विधानसभा चुनाव से पहले उनके गृह इलाके मेहसाणा में आयोजित होने वाली चुनावी रैलियों में प्रमुखता से लिया जा रहा है. गुजरात भर में लगाये गए बीजेपी के बैनरों पर आमतौर पर पांच चेहरे होते हैं - सबसे प्रमुख चेहरा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का, एक तरफ अमित शाह और जे पी नड्डा और दूसरी तरफ गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और सी आर पाटिल. हालांकि मेहसाणा में, नितिन पटेल का चेहरा भी पोस्टर पर दिखता है, जो कि जिले में उनकी लोकप्रियता का प्रमाण है.


बीजेपी ने किसे दिया है टिकट?
बीजेपी ने पार्टी की मेहसाणा शहर इकाई के अध्यक्ष मुकेश पटेल को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए इस क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतारा है. नितिन पटेल के समर्थक माने जाने वाले मुकेश पटेल अपने भाषणों में निवर्तमान विधायक को मेहसाणा का 'विकास पुरुष' और खुद को उनका 'प्रतिनिधि' बता रहे हैं. 66 वर्षीय कडवा पाटीदार नेता नितिन पटेल ने 2017 के चुनाव में मेहसाणा विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी. यह जिला तब पाटीदार आंदोलन का केंद्र था. आंदोलन के कारण बीजेपी को उत्तरी गुजरात के अन्य जिलों में भारी नुकसान उठाना पड़ा था, लेकिन पार्टी नितिन पटेल के गृह जिले में अपनी पकड़ बनाये रखने में सफल रही थी और यहां की सात में से पांच सीटों पर जीत हासिल की थी.


क्या बोले नितिनभाई?
राज्य की बीजेपी सरकार में नितिन पटेल को कभी मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के बाद दूसरे स्थान पर माना जाता था और बाद में विजय रूपानी के कार्यकाल के दौरान उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया था.बीजेपी के उम्मीदवार क्षेत्र में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए नितिन पटेल के नाम पर वोट मांगते हैं. मुकेश ने अपने भाषण में कहा, ‘‘मुझे नितिनभाई ने यहां से बीजेपी का उम्मीदवार बनवाया और उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों को जारी रखूंगा.’’


बीजेपी कार्यकर्ता राकेश पटेल ने कहा कि 'नितिनभाई' ने पूरे मेहसाणा जिले में पार्टी के वोट को बरकरार रखा और पार्टी ने पिछले चुनाव में कुल सात विधानसभा सीटों में से पांच पर जीत हासिल की थी. बीजेपी कार्यकर्ता ने कहा, ‘‘उम्मीद है कि पार्टी उनकी सेवाओं का इस्तेमाल जारी रखेगी और उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाएगी या उन्हें लोकसभा का टिकट देगी या राज्यपाल नियुक्त करेगी.’’ हालांकि नितिन पटेल के मैदान से बाहर होने के बाद कांग्रेस तीन दशक से अधिक समय बाद इस सीट पर जीत दर्ज करने की उम्मीद कर रही है.


विधानसभा क्षेत्र में छोटी-छोटी रैलियां कर रहे कांग्रेस उम्मीदवार पी के पटेल पाटीदार बहुल इस विधानसभा सीट में बदलाव की जरूरत को रेखांकित करते हैं. कांग्रेस नेता ने दावा किया कि बीजेपी ने अपने वरिष्ठ नेता को इसलिए टिकट नहीं दिया क्योंकि उसे 'डर' था कि वह हार जाएगी. उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को देखना चाहिए कि बीजेपी अपने वरिष्ठ नेताओं के साथ कैसा व्यवहार करती है.’’ स्थानीय कांग्रेस नेता प्रशांत ठाकोर ने कहा कि चुनावी मैदान में नितिन पटेल की अनुपस्थिति का मेहसाणा में कुछ प्रभाव पड़ेगा.


इस सीट पर बीजेपी पिछले 32 साल से जीतती आ रही है. इस सीट पर हमेशा से ही द्विध्रुवीय मुकाबला रहा है. कांग्रेस और बीजेपी उम्मीदवारों को छोड़कर, 2017 के चुनावों में 32 अन्य प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी.


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