Gujarat Election 2022: कौन हैं पूर्व मत्स्य मंत्री और उनके भाई हीरा सोलंकी, बीजेपी की टिकट पर इस सीट से छठी बार लड़ेंगे चुनाव
Gujarat Election: गुजरात में एक दिसंबर और पांच दिसंबर को दो चरणों में चुनाव संपन्न कराए जाएंगे. इसके नतीजे आठ दिसंबर को सामने आयेंगे. गुजरात में बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.
Gujarat Assembly Election 2022: पूर्व मत्स्य मंत्री और कोली के मजबूत 61 वर्षीय परसोत्तंभाई सोलंकी, और उनके भाई हीरा सोलंकी अपना छठा विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ेंगे क्योंकि बीजेपी ने दोनों को क्रमशः भावनगर ग्रामीण और राजुला निर्वाचन क्षेत्रों से टिकट दिया है. हीराभाई ने गुरुवार को उम्मीदवार घोषित होने के बाद दावा किया की, "इस जिले की सभी सीटें जीतेंगे" द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, 2017 में, परसोत्तंभाई ने बताया था कि 2022 का चुनाव उनके बेटे दिव्येश द्वारा लड़ा जाएगा. दिव्येश को उस साल अपने पिता के लिए प्रचार करते भी देखा गया था. परसोत्तंभाई ने कहा था, "110 फीसदी, पांच साल बाद दिव्येश चुनाव लड़ेंगे... इसी निर्वाचन क्षेत्र (भावनगर ग्रामीण) से."
यह पूछे जाने पर कि बीजेपी इसे कैसे स्वीकार करेगी, उन्होंने कहा, “उन्हें करना ही होगा. क्योंकि वे भावनगर में नौ सीटें जीतना चाहते हैं, और अगर वे मेरे बेटे (टिकट) को नहीं देते हैं, तो मैं (उनके लिए) प्रचार नहीं करूंगा. 2017 के चुनावों के बाद विभाग आवंटित किए जाने के बाद, वह नाराज हो गए थे और तत्कालीन विजय रूपाणी सरकार की कैबिनेट बैठक से दूर रहे थे. उन्हें मत्स्य पालन के लिए कनिष्ठ मंत्री आवंटित किया गया था.
उन्होंने कहा था, “कोली समुदाय को सरकार में पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए. और या तो मुझे कुछ और विभाग दिए जाने चाहिए या किसी अन्य कोली नेता को कैबिनेट में शामिल किया जाना चाहिए”. हीराभाई के नेतृत्व में कोली समुदाय के नेता विरोध में परसोत्तम के बंगले के आसपास जमा हो गए थे. द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार वरिष्ठ सोलंकी 400 करोड़ रुपये के मत्स्य पालन घोटाले में भी जांच का सामना कर रहे हैं, जिसमें पूर्व मत्स्य मंत्री दिलीप संघानी का भी नाम है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा जांच किए गए मामले की जांच गांधीनगर की एक अदालत में आरोप तय करने के चरण में है.
कोर्ट ने मार्च 2021 में संघानी और सोलंकी की डिस्चार्ज अर्जी को खारिज कर दिया था. सोलंकी उन मंत्रियों में शामिल थे, जिन्हें पिछले सितंबर में पूरे रूपाणी मंत्रालय के साथ इस्तीफा देना पड़ा था. यह पूछे जाने पर कि पूर्व मंत्री ने अपने बेटे के लिए रास्ता क्यों नहीं बनाया, हीराभाई ने कहा, “अब भाई को टिकट दिया गया है. तो सवाल कहां है”.
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