Gujarat Election 2022: गुजरात चुनाव में सबसे ज्यादा साक्षरता दर वाली सीटों पर मतदान के ये आकंड़े कर देंगे हैरान
Gujarat Election: गुजरात में सबसे ज्यादा साक्षरता दर वाली सीटों पर कितनी वोटिंग हुई है इसके आंकड़े सामने आये हैं. ये आंकड़े हैरान करने वाले हैं. चुनाव में शहरी मतदाताओं का रूझान वोटिंग में कम दिखा.
Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात में पहले और दूसरे चरण के चुनाव खत्म हो चुके हैं और इसके नतीजे कल यानी आठ दिसंबर को सामने आएंगे. चुनाव के दौरान मतदान के प्रति शहरी उदासीनता 2022 के विधानसभा चुनाव में स्पष्ट रूप से देखी गई. गुजरात की लगभग 43 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्रों में रहती है. साक्षरता प्रतिशत के साथ मतदान पैटर्न पर एक सरसरी नजर डालने से चार प्रमुख शहरीकृत जिलों और शहरों में शहरी मतदाताओं की उदासीनता सामने आती है.
कहां कितना हुआ मतदान?
अहमदाबाद जिले में साक्षरता दर 85.3 फीसदी है. लेकिन चुनाव में केवल 59 फीसदी मतदान हुआ. गुजरात के सूरत जिले में साक्षरता दर सबसे अधिक है. सूरत में साक्षरता दर 85.53 फीसदी है. यहां से गुजरात चुनाव में राज्य के औसत 64.43 फीसदी के मुकाबले औसतन 62.23 फीसदी मतदान हुआ. राजकोट जिले में भी मतदान 60. 6 फीसदी से कम रहा, जबकि इसकी साक्षरता दर 80.9 फीसदी है. 2017 की तुलना में इस वर्ष गुजरात में मतदान प्रतिशत में काफी कमी दिखी.
हालांकि, मतदान में सबसे बड़ी गिरावट शहरी सीटों में थी जो आठ नगर निगमों में आती हैं: अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, गांधीनगर, राजकोट, भावनगर, जामनगर, और जूनागढ़. सबसे तेज गिरावट अहमदाबाद के 16 विधानसभा क्षेत्रों में देखी गई. यहां तक कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने भी राजकोट, सूरत और जामनगर में कम मतदान पर चिंता जताई थी.
क्या बोले समाजशास्त्री जोशी?
समाजशास्त्री और राजनीतिक पर्यवेक्षक विद्युत जोशी कहते हैं, "अपार्टमेंट में रहने वाले शहरी मध्यम वर्ग को आमतौर पर पानी, नाली और सड़कों जैसी बुनियादी नागरिक सुविधाओं के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ता है. शहरी गरीब बड़ी संख्या में बाहर निकलते हैं क्योंकि उन्हें अपने क्षेत्रों में इन सुविधाओं की आवश्यकता होती है. मतदान के प्रति शहरी उदासीनता का चलन पूरी दुनिया में है. छोटे शहरों और गांवों में, निवासियों को पता है कि उनके वोट ही एकमात्र हथियार हैं जो वे अपने अधिकारों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. ”
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