Gujarat Assembly Election 2022: आम आदमी पार्टी ने (AAP) बुधवार को आरोप लगाया कि गुजरात की सूरत (पूर्व) सीट से उसके प्रत्याशी का बीजेपी ने अपहरण कर लिया है और उससे जबरन नामांकन वापस करवाया है, लेकिन इस उक्त उम्मीदवार का दावा है कि पार्टी द्वारा ‘बूथ प्रबंधन के लिए पैसे मांगे जाने के कारण हो रहे तनाव’’ की वजह से वह चुनावी समर से बाहर हुए हैं. उम्मीदवार कंचन जरीवाला (Kanchan Jariwala) का भी कहना है कि बीजेपी (BJP) ने उनका अपहरण नहीं किया था और उन्होंने अपनी ‘‘अंतर आत्मा’ की आवाज सुनकर नामांकन वापस लिया है क्योंकि उनके विधानसभा क्षेत्र के लोग AAP की टिकट पर चुनाव लड़ने के कारण उन्हें ‘‘राष्ट्र विरोधी’’ और ‘‘गुजरात विरोधी’’ कहने लगे थे.


आप ने लगाया था ये आरोप
बुधवार सुबह जरीवाला के नाम वापस लेने के बाद ‘आप’ ने आरोप लगाया था कि बीजेपी के कहने पर जरीवाला का अपरहण किया गया और उन पर नामांकन वापस लेने का दबाव बनाया गया क्योंकि उसे गुजरात विधानसभा चुनाव में हार का ‘डर’ सता रहा है. पत्रकारों से बातचीत में जरीवाला ने बीजेपी द्वारा अपहरण की बात से इंकार किया और दावा किया कि ‘बूथ प्रबंधन’ के लिए आप ने पैसे मांगे थे जिसके कारण वह तनाव में थे. उन्होंने यह भी कहा कि ‘आत्मावलोकन’ के लिए उन्होंने दो दिन अपना मोबाइल फोन बंद रखा था.


कौन हैं कंचन जरीवाला?
कंचन जरीवाला बुधवार तक गुजरात विधानसभा के सूरत (पूर्व) निर्वाचन क्षेत्र से आप के उम्मीदवार थे.  जिन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया है. 2017 में बीजेपी के अरविंद शांतिलाल राणा ने 53.65 फीसदी वोट हासिल कर इस सीट पर जीत हासिल की थी. इस बार बीजेपी ने अरविंद राणा को मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने असलम साइकलवाला को टिकट दिया है. जरीवाला पहले कांग्रेस पार्टी के साथ थे और उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर 2021 सूरत नगर निकाय चुनाव लड़ा और हार गए थे.


आप को इस बार बेहतर प्रदर्शन का भरोसा है क्योंकि पार्टी ने फरवरी 2021 में हुए सूरत नगरपालिका चुनाव में अपने पहले प्रयास में 28 फीसदी से अधिक मतों के साथ 120 में से 27 सीटें जीती थीं. यह राज्य निकाय में आप का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था जिसे राज्य और दिल्ली में पार्टी नेताओं का मनोबल बढ़ाया है. इस बीच, सीट से कांग्रेस प्रत्याशी असलम साइकलवाला ने खुला पत्र लिखकर बीजेपी को हराने में आप से साथ देने की मांग की है.


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