(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Gujarat Assembly Session: बुधवार से होगा विधानसभा का सत्र, कई यूनियनों की रहेगी हड़ताल, दूध नहीं बेचेंगे किसान
Gujarat Assembly Monsoon Session: गुजरात में बुधवार से विधानसभा का दो दिवसीय मानसून सत्र होने वाला है. इस दिन विभिन्न कर्मचारियों द्वारा सरकार के विरोध में मार्च निकाला जाएगा.
Gujarat Legislative Assembly Monsoon Session: गुजरात विधानसभा का दो दिवसीय मानसून सत्र बुधवार से हंगामेदार होने की संभावना है, क्योंकि उस दिन विभिन्न कर्मचारियों द्वारा सरकार के विरोध में मार्च निकाला जाएगा. वहीं पशुपालकों ने उस दिन राज्यभर में दूध नहीं बेचने का फैसला किया है. विपक्ष भी विभिन्न मुद्दों पर राज्य सरकार को घेरने की तैयारियों में जुटा हुआ है. जैसे- लंपी वायरस, महंगाई और कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग आदि.
संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.पी. सिंह रावत ने एक प्रेस बयान में घोषणा की कि सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग को लेकर 21 सितंबर को राज्य विधानसभा की ओर मार्च करेंगे. उन्होंने सभी कर्मचारी संघों से भी अपना समर्थन देने और शांतिपूर्ण मार्च में शामिल होने की अपील की है. बयान में कहा गया है, "यह पांच लाख सरकारी कर्मचारियों के न्याय के लिए एक मार्च है."
किया ये आह्वान
गुजरात राज्य परिवहन निगम कर्मचारी संघ अपनी लंबित मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहा है. उन्होंने 21 और 22 सितंबर को विरोध में राज्य परिवहन की बसों को सड़कों से हटाने का आह्वान किया है. यदि वे विरोध पर कायम रहते हैं, तो राज्य सचिवालय के कम से कम 40 फीसद कर्मचारी गांधीनगर में ड्यूटी से नदारद रहेंगे.
दूध नहीं बेचेंगे किसान
रविवार को मालधारी महापंचायत की बैठक में निर्णय लिया गया कि 21 सितंबर को कोई भी पशुपालक खुले बाजार में या यहां तक कि सहकारी या डेयरियों को दूध नहीं बेचेगा. हड़ताल से दूध की आपूर्ति भले ही बाधित न हो, लेकिन एक दिन के लिए दूध का आना कम हो सकता है. वे शहरी क्षेत्रों में गुजरात मवेशी नियंत्रण (रखरखाव) विधेयक का विरोध कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि गांवों के चरागाहों को शहरी क्षेत्रों में मिला दिया जाए.
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